महाराष्ट्र

सांसद मोहन डेलकर सुसाइड केस / 15 पन्नों के सुसाइड नोट में प्रशासक, कलेक्टर-एसपी समेत कई अधिकारियों के नाम

Aaryan Dwivedi
25 Feb 2021 6:01 PM IST
सांसद मोहन डेलकर सुसाइड केस / 15 पन्नों के सुसाइड नोट में प्रशासक, कलेक्टर-एसपी समेत कई अधिकारियों के नाम
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MP Mohan Delkar Suicide Case / मुंबई. दादर एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar Haweli) के JDU सांसद मोहन डेलकर का शव 22 फ़रवरी को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मिला था. उनके शव के साथ 15 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला था. बताया जा रहा है कि इस सुसाइड नोट में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और कई उच्च अधिकारियों के नाम लिखे हुए हैं. 

MP Mohan Delkar Suicide Case / मुंबई. दादर एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar Haweli) के JDU सांसद मोहन डेलकर का शव 22 फ़रवरी को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मिला था. उनके शव के साथ 15 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला था. बताया जा रहा है कि इस सुसाइड नोट में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और कई उच्च अधिकारियों के नाम लिखे हुए हैं.

मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को जांच के आदेश दिए हैं. गृहमंत्री ने कहा है कि महाराष्ट्र पुलिस सुसाइड नोट में अंकित सभी नामों की जांच करेगी एवं दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

मोहन डेलकर के सुसाइड नोट में दादर नगर हवेली के कलेक्टर एवं एसपी के साथ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक (Administrator) का भी नाम दर्ज है. कभी भाजपा के विधायक एवं मंत्री रहें प्रफुल्ल पटेल जनवरी 2020 में यहां के प्रशासक बनाए गए थें. हांलाकि अभी तक प्रफुल्ल पटेल का इस मामले में कोई बयान या प्रतिक्रिया नहीं सामने नहीं आया है.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस बात की जांच जरुरी है कि क्या देलकर पर किसी तरह का दबाव था? निजी तौर से मुझे नहीं लगता कि जो इंसान 7 बार सांसद रहा हो, निर्दलीय जीतने में सक्षम रहा हो वो सुसाइड कर सकता है.

कहीं केंद्र सरकार की तरफ से दबाव तो नहीं, जांच होगी : देशमुख

उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जांच करनी होगी कि क्या केंद्र सरकार की तरफ से प्रफुल्ल पटेल पर दबाव बनाया था और कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रफुल्ल पटेल ने स्थानीय प्रशासन पर कोई दबाव बनाया था जिसकी वजह से देलकर को प्रताड़ित किया गया औऱ फिर वो सुसाइड करने पर मजबूर हो गए. हमने 4 अधिकारियों की एक टीम भेजी है. हम उन नामों की जांच कराएंगे जिनकी चर्चा इस नोट में है. हम यह कोशिश करेंगे कि जो भी इस के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिले.

आपको बता दें कि पिछले साल 5 जुलाई को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में उन्होंने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने की धमकी देते हुए दावा किया था कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें परेशान किया तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हे सपोर्ट किया था.

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