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महाराष्ट्र: बीजेपी के विरोध के बाद आतंकी याकूब मेमन की कब्र से लाइटिंग हटवाई गई, बुलडोजर चल सकता है
Yakub Memon Grave: मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट में शामिल रहे आतंकी याकूब मेमन (Yakub Memon) की कब्र से लाइटें और मार्बल हटा दिए गए हैं. बीजेपी ने इस बात का विरोध किया था कि लोगों की जान लेने वाले आतंकी को इतना सम्मान क्यों दिया जा रहा है. बीजेपी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे की सरकार में आतंकी की कब्र को सुन्दर बनाने के लिए यहां लाइटें और मार्बल लगवा दिए गए थे.
बीजेपी नेता राम कदम ने जब सोशल मीडया में याकूब मेमन की कब्र की तस्वीरें शेयर की तो बवाल खड़ा हो गया, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने आतंकी की कब्र से लाइटें हटवा दीं. राम कदम ने पोस्ट में लिखा- गुनहगार याकूब मेमन की कब्र को क्यों सजाया गया है? जो शख्स सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार था, उसकी कब्र को इतना सम्मान क्यों दिया जा रहा है? याकूब 1993 मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट का दोषी है और सुप्रीम कोर्ट ने उसे फांसी की सज़ा सुनाई थी.
कांग्रेस ने किया पलटवार
याकूब के कब्र को सजाने पर उठे विवाद के बाद कांग्रेस ने भी बीजेपी को लपेटा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आतंकी को फांसी देने के बाद उसका शव परिवार को नहीं दिया जाता है. फिर 2015 में भाजपा सरकार ने याकूब के शव को उसके परिवार वालों को क्यों सौंपा? ऐसा करने के बाद अब इसपर राजनीति कर रही है.
याकूब मेमन की कब्र में बुलडोजर चल सकता है
आमतौर पर किसी भी व्यक्ति की कब्र पर 18 महीने के बाद खुदाई हो जाती है, लेकिन 5 साल से अधिक समय बीत गया है और याकूब मेमन की कब्र में खुदाई नहीं हुई है. याकूब के चचेरे भाई अब्दुल रउफ ने आरोप लगाया था कि ट्रस्टियों ने कब्रिस्तान में याकूब की कब्र को 5 लाख रुपए में बेचा था, बीजेपी द्वारा याकूब की कब्र पर उठाए गए विरोध के बाद अब उसपर बुलडोजर चल सकता है.
कौन था याकूब मेमन
Who Was Yakub Memon: वह पेशे से एक चार्टड अकाउंटेंट था, लेकिन 1993 में वह आतंकी बन गया था. उस वक़्त मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे जिसमे वह दोषी पाया गया था. CBI की चार्टशीट के मुताबिक याकूब दाऊद इब्राहिम और अपने भाई टाइगर मेमन के आतंकी संगठनों के फाइनेंस वाले काम देखता था. CBI ने 1994 में उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पकड़ा था जब वह भारत से भागने की फ़िराक में था.
12 मार्च 1993 के दिन मुंबई के 12 इलाकों में बम ब्लास्ट हुए थे, जिसमे 257 लोग मारे गए थे तो 700 से अधिक घायल हुए थे. BSE के बेसमेंट में भी धमाका हुआ था. जिसमे 50 लोगों की मौत हुई थी. टाइगर मेमन को कभी पुलिस और जांच एजेंसियां नहीं पकड़ पाईं लेकिन 2013 में याकूब को फांसी की सज़ा सुना दी गई और 2015 में नागपुर जेल में आतंकी को फंदे से लटका दिया गया.