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RIP Lata Mangeshkar: नहीं रहीं लता! पहली लहर में कोरोना के खिलाफ जंग में भी हुई थी शामिल, दान किये थे 7 लाख
RIP लता मंगेशकर
Lata Mangeshkar Died: मुंबई। देश और दुनिया के लिए बेहद ही स्तब्ध कर देने वाली खबर है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रही। 29 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाजरत लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया है। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर को रीवा रियासत अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
92 साल की लता जी की 8 जनवरी को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके भर्ती होने की खबर भी 2 दिन बाद 10 जनवरी को सामने आई थी। उन्होंने कोरोना और निमोनिया दोनों से 29 दिन तक एक साथ जंग लड़ी।
लता मंगेशकर ने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सीएम राहत कोष में भी अपना योगदान दिया था। पहली लहर के दौरान जब देश में कोरोना के चलते हालात इतने बेकाबू हो गए उस मुश्किल भरे दौर में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में 7 लाख रुपये का योगदान दिया था।
लता ताई को मां सरस्वती का स्वरुप कहा जाता था
- लता मंगेशकर को प्यार से लता ताई और स्वर कोकिला कहा जाता था, उन्हें लोग विद्या की देवी मां सरस्वती का स्वरुप कहा जाता था। लता मंगेशकर ने अपने गायकी के कॅरियर में 30 हज़ार से ज़्यादा गाने गाए थे।
- उन्हें उनके गीत के लिए चार बार फिल्म फेयर पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था
- साल 1958 में उनके गीत 'मधुमती' के लिए सर्वश्रेष्ठ गायिका का अवार्ड मिला था
- 1962 में उन्हें ' डीप जले कहीं दिल', 1965 में ' तुम्ही मेरी मंदिर तुम्ही मेरी पूजा' गाने और 1969 में 'आप मुझे अच्छे लगने लगे' गाने के लिए फिल्म फेयर अवार्ड मिला था
- साल 1993 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला था
- साल 1994 में' दीदी तेरा देवर दीवाना' गाने के लिए फिम फेयर ने विशेष पुरुस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था
- 1972 में 'कोरा कागज' और 1990 में 'लेकिन' गाने के लिए नेशनल अवार्ड दिया गया था
- लता ताई को 1969 में पद्मभूषण और 1997 में राजीव गांधी सम्मान, 1999 में पद्मविभूषण जैसे सम्मान मिले थे
- 1989 में उन्हें दादा साहेब फाल्के और 2001 में देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था
- साल 1973 में उन्हें दुनिया में सबसे ज़्यादा गाना गाने के लिए गिनीज बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था, लता मंगेश्वर एक मात्र ऐसी कलाकार थीं जिनके जिन्दा रहते उनके नाम से लोगों को सम्मान दिया जाता था।