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महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख 14 महीने बाद जेल से रिहा, कहा-मुझे झूठे केस में फंसाया गया
Anil Deshmukh released from jail: महाराष्ट्र की पूर्व शिवसेना सरकार के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख 14 महीने बाद जेल से रिहा हो गए. वह एक साल एक माहिए और 27 दिन तक जेल में रहे. कैद से छूटने के बाद वह मिडिया के सामने आए और कहा- मुझे झूठे केस में फंसाया गया है. बहरहाल अनिल देशमुख को फौरी तौर पर रिहाई मिली है. केस अभी जारी है. उन्हें कोर्ट ने एक लाख रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दी गई है.
अनिल देशमुख को बेल मिल गई
मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में 14 महीने से कैद रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को कोर्ट ने एक लाख रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दी है. उनकी रिहाई से पहले ही जेल के बाहर उनके फॉलोवर्स का हुजूम उमड़ा रहा. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को 12 दिसंबर के दिन ही जमानत दे दी थी मगर CBI के कहने पर उन्हें 27 दिसंबर तक रोके रखा गया. मंगलवार को भी CBI ने जमानत खारिज करने के लिए कहा मगर कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को ही ख़ारिज करते हुए अनिल देशमुख को बेल ग्रांट कर दी
क्यों गिरफ्तार हुए थे अनिल देशमुख
मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में कहा था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए की डिमांड की थी.
इस मामले में CBI ने अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की, और ED ने CBI की FIR के आधार पर एक्शन लिया। अनिल देशमुख जब महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे तब उन्होंने बार और रेस्टोरेंट मालिकों से 4.7 करोड़ रुपए वसूले, इस रकम को मुंबई पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वझे के जरिए वसूला गया था।
ED के मुताबिक, इस रकम में से 4.18 करोड़ रुपए दिल्ली की 4 अलग-अलग बोगस कंपनियों में जमा किए गए। इन कंपनियों ने इस रकम को श्री साई शिक्षण संस्थान नाम के एक ट्र्स्ट को डोनेट कर दिया। इस ट्रस्ट को अनिल देशमुख और उनका परिवार ही चलाता है। यानी वसूली का पैसा शैल कंपनियों के जरिए देशमुख के ट्रस्ट में ही इस्तेमाल किया गया।