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अमरावती हत्याकांड: उमेश कोल्हे की हत्या करने वाला युसफ खान उनका 16 साल से दोस्त था, एक लाख उधार भी लिए थे
Amravati Murder Case: महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश प्रहलादराव कोल्हे की गला काटकर जिहादियों ने हत्या कर दी थी. क्योंकि उन्होंने ने भी नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हाट्सऐप पोस्ट शेयर किया था. उमेश की हत्या करवाने वाला और कोई नहीं बल्कि उनका दोस्त युसूफ खान था. युसूफ की उमेश से 16 साल से दोस्ती थी. दोनों मित्र हिन्दू-मुसलमान की दोस्ती की मिसाल माने जाते थे। उमेश ने अपने भाई जैसे दोस्त युसूफ को बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपए भी उधार दिए थे. लेकिन आरोपी युसूफ खान ने दोस्ती जैसे रिश्ते को भी जिहाद के आगे तार-तार कर दिया और अपने दोस्त का सरे राह गला कटवा दिया।
NIA ने युसूफ खान को अरेस्ट कर लिया है. मृतक के भाई ने बताया है कि उमेश और युसूफ पक्के दोस्त हुआ करते थे. साथ में उठते-बैठते थे, रोज़ मिलते थे, घर आते-जाते थे. वैसे ही दोस् थी जैसे दो दोस्तों की होती होती है. एक दूसरे पर जान छिड़कने वाली। लेकिन युसूफ ने अपने अजीज दोस्त उमेश को तालिबानी मौत दी.
उमेश का 16 साल पुराना दोस्त था युसूफ
अमरावती के रहने वाले उमेश कोल्हे वेटरनरी केमिस्ट थे और युसूफ वेटरनरी हॉस्पिटल में काम करता था. इसी लिए दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे, एकदम खासमखास मित्रता थी. लोग कहते थे हिन्दू-मुसलमान की दोस्ती हो तो युसूफ और उमेश जैसी हो. मृतक उमेश के भाई महेश ने बताया की युसूफ गरीब था, जब उसकी बेटी की शादी होनी थी तब उमेश ने उसे 1 लाख रुपए उधार दिए थे। लेकिन युसूफ ने कभी वो पैसे वापस नहीं लौटाए ना उमेश ने मांगे।
महेश का कहना है कि उनका भाई उमेश बहुत अच्छे व्यक्ति थे, किसी से कोई झगड़ा नहीं, कभी ऊँची आवाज में किसी से बात तक नहीं करते थे. 24 साल से मैडिकल की दुकान चलाते थे और इस दरमियान कभी किसी से उनकी बहस तक नहीं हुई थी.
युसूफ ने उमेश का गला कटवा दिया
जब उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा के सपोर्ट वाला एक व्हाट्सऐप मैसेज अपने ग्रुप में शेयर किया तो धोके से वो मैसेज उस ग्रुप में भी चला गया जिसमे ज़्यादातर मुसलमान थे. उनमे से एक उनका अजीज दोस्त युसूफ भी था. युसूफ को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि उमेश ने उस महिला के समर्थन में पोस्ट डाला है जिसने नबी की गुस्ताखी की थी. युसूफ ने यहीं से अपने सच्चे दोस्त को मारने के लिए 21 लोगों की टीम बनाई, जिनमे से सभी उसके NGO के मेंबर थे. इनमे से 6 लोगों ने उमेश का गला काटा।
दरअसल उमेश ने ब्लैक फ्रीडम नाम के ग्रुप में मैसेज फॉरवर्ड किया, जिसमे उमेश और युसूफ दोनों एडमिन थे. युसूफ ने उमेश के भेजे मैसेज का स्क्रीनशॉट अपने NGO वाले ग्रुप रहबरिया में भेजकर अन्य मुस्लिम लोगों को इसके बारे में बताया। जिसके बाद इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी इरफ़ान खान ने युसूफ के साथ मिलकर उमेश की हत्या करने का प्लान बनाया था.
किसी ने सोचा नहीं होगा कि जिस दोस्त के साथ उठना-बैठना, गप्पे लड़ना और घर आना-जाना होता है वो ही अपने दोस्त का हत्यारा बन जाएगा क्योंकि उसने नबी की गुस्ताखी करने वाली महिला के समर्थन में पोस्ट कर दिया! ऐसी दोस्ती से अच्छा तो दुश्मनी है जहां पता होता है सामने वाला कुछ न कुछ करेगा।