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ठंड लगने पर दांत क्यों किटकिटाते हैं, रोंगटे क्यों खड़े हो जाते हैं?
Winter Tips: जाड़े का मौसम यानी के ठंड का मौसम बड़ा मजेदार रहता है। लेकिन जब ठंड लगती है तो मुँह से धुआँ निकलता है तो दांत किसी चॉपर मशीन की तरह किटकिटाने लगते हैं। ऐसा होने में मजा बहुत आता है लेकिन इंसान का अपने दांतो में कोई कंट्रोल नहीं रहता। खासकर जब आप ठण्ड के मौसम में नहाने जाएं तो दांत इतना तेज किटकिटाते है कि कोई काबू नहीं रह जाता.
किसी को ज़्यादा ठंड लगती है कोई टी शर्ट में घूमता है
हर इंसान को ठंड अलग-अलग लेवल पर लगती है। कोई अक्टूबर के महीने से ही स्वेटर और टोपा लगा के घूमने लगता है तो कोई दिसंबर के महीने में भी बनियान पहन के शेखी बघारता है। ये सब इसी लिए होता है क्योंकि हर इंसान के शरीर की त्वचा में मौजूद सेंसर की संख्या अलग अलग रहती है। किसी में कम होती है तो किसी में ज़्यादा होती है। जब तापमान में बदलाव होता है तो शरीर कांपना शुरू कर देता है और रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
तो इस लिए किटकिटाते हैं दांत
शरीर में बॉडी टेम्प्रेचर कंट्रोल करने और सहने की क्षमता होती है। जब भी तापमान बढ़ता या घटता है तो इंसान की बॉडी अपने आप उस तापमान के अनुसार एडजस्ट होने लगती है। लेकिन जब शरीर के टेम्प्रेचर एडजेस्टमेंट क्षमता से अधिक तापमान में कमी होने लगती है तो शरीर को अपना टेम्प्रेचर बढ़ाने की ज़रूरत होती है। इसी लिए ठंड पड़ने पर दांत किटकिटाने लगते हैं, ये इसी लिए होता है ताकि आपका बॉडी टेम्प्रेचर बढ़ जाए और आपको ठण्ड लगना बंद हो जाए। वैसे पुरुषों की तुलना में औरतों के अंदर टेम्प्रेचर एडजस्टमेंट की पॉवर ज़्यादा रहती है। उनके शरीर की संरचना ऐसी होती है की उन्हें गर्मी मिलती रहती है।
ठंड लगने से रोंगटे क्यों खड़े होते हैं
ठंड लगने से जो कपकपी महसूस होती है उसमे अपना कोई कंट्रोल नहीं होता है। आप खुद से उतना तेज़ी से अपने दांतों को किटकिटा नहीं सकते जितना वह अपने आप होने लगते हैं। उसी तरह थरथरी भी छूटने लगती है, अगर ठंड लगने पर आप की बॉडी सही समय पर तापमान एडजस्ट नहीं कर पाती तो आपको हाइपोथर्मिया (Hypothermia) बीमारी भी हो सकती है ये जानलेवा भी होती है। शरीर के बाल हमें ठंड लगने से बचाते हैं जब ठंड लगती है तो शरीर की मांसपेशियां अकड़ने लगती है और बाल खड़े हो जाते हैं।