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Parenting Tips: बच्चों को सपोर्ट करने के चक्कर में कहीं आप भी तो नहीं बन रहे 'हेलीकॉप्टर पेरेंट्स'? जानिए क्या है संकेत
What Is Helicopter Parenting?/Signs You Might Be a Helicopter Parent: बच्चों की सही परवरिश करना बेहद जरूरी है उनको विभिन्न तरीकों के खतरों से बचाना और उनकी प्राथमिकताओं को हर एक चीज से ऊपर रखना भी बेहद जरूरी है। पैरंट्स बनने के बाद अधिकतर लोगों की दुनिया अपने बच्चों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है, उनके लिए उनके बच्चों से ज्यादा मायने कुछ नहीं रखता। अगर आप भी इस तरह के पेरेंट्स में से एक है तो आपको ये ध्यान देने की जरूरत होगी कि कहीं बच्चों को हर समय सपोर्ट करने के चक्कर में आप भी तो "हेलीकॉप्टर पेरेंट्स" नहीं बनते जा रहे? आज हम आपको इस आर्टिकल में उन संकेतों के बारे में बताएंगे जो यह दर्शाती हैं कि आप "हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग " (Helicopter Parenting) कर रहे हैं। तो सबसे पहले जानते हैं हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग के बारे में –
क्या है हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग? (What is Helicopter Parenting?)
जब माता-पिता अपने बच्चों के जीवन में हद से ज्यादा दखलअंदाजी करने लगते हैं तो इस तरह की पैरेंटिंग शैली को "हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग" के नाम से जाना जाता है। ऐसे माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा हर एक चीज उनके मन के मुताबिक करें और उनकी नजर अपने बच्चों की हर एक एक्टिविटी पर रहती है। धीरे-धीरे वे अपने बच्चों पर हावी होना शुरू कर देते हैं जिससे उनके बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की कमी पैदा होने लगती है।
इन संकेतों से पता लगाएं कि आप है 'हेलीकॉप्टर पैरेंट' (Helicopter Parenting Sign)
अपने बच्चों के लिए लड़ाई लड़ना
अपने बच्चों के लिए स्टैंड ले रहे हैं तो यह अच्छी बात है लेकिन उनके लिए लड़ाई लड़ना बिल्कुल सही नहीं है। हेलीकॉप्टर पैरंट (Helicopter Parent) अपने बच्चों को सिचुएशन को डील करना नहीं सिखाते, बल्कि उन्हें प्रॉब्लम सुलझाने में ज्यादा इंटरेस्ट होता है। जिससे जब बच्चे बड़े होते हैं तो वह अपने पैरंट पर पूरी तरह से निर्भर रहते हैं और प्रॉब्लम्स खुद सॉल्व नहीं कर पाते।
बच्चो के टीचर को भी अपने अनुसार दिशा निर्देश देना
कुछ पैरेंट बच्चों की स्कूल टीचर्स पर बहुत ज्यादा कड़ी नजर रखते हैं और टीचर्स को यह सिखाने की कोशिश भी करते हैं कि उन्हें उनके बच्चों को कैसे पढ़ाना है। अगर आप में भी यह लक्षण है तो समझ लीजिए आप हेलीकॉप्टर पैरंट (Helicopter Parent) की तरह बिहेव कर रहे हैं। बच्चों को सुधारने के लिए टीचर्स को सलाह देना सही नहीं है, इससे बच्चों पर गलत असर पड़ता है।
बच्चों के दोस्त कौन बनेंगे इसका फैसला खुद लेना
हेलिकॉप्टर पैरेंट्स का प्रेशर बच्चों पर बहुत ज्यादा होता है, यहां तक कि उनके बच्चों को किससे दोस्ती रखनी है, किससे नहीं रखनी है यह सब भी पेरेंट्स ही तय करते हैं। ऐसा करने से बच्चे खुद फैसला नहीं ले पाते और यह आगे चलकर उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।