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पति पत्नी को एक साथ नही करना चाहिए भोजन, पाण्डवों के भीष्म ने बताई थी यह बात

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आज के समय में भी लेगो को कहते सुना होगा कि पति पत्नी को एक साथ एक थाली में भोजन नही करना चाहिए।

Pati Patni Ko Sath Mei Khana Kyo Nahi Khana Chahiye: आज के समय में भी लेगो को कहते सुना होगा कि पति पत्नी को एक साथ एक थाली में भोजन नही करना चाहिए। इसके सम्बंध में महाभारत काल में कहा गया है। बताया जाता है कि जब भीष्म पितामह वाणों की सैया मे लेटे थे। महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया था। भीष्म अपने प्राण त्यागने वाले थे। उस समय भगवान श्री कृष्ण पांडवों को भीष्म से ज्ञान प्राप्त करने के लिए कहा था। इसी समय भीष्म ने यह बात बताई थी। साथ ही भोजन करने के नियम भी बताए थे।

परिवार में कलह होता है

भीष्म पितामह ने कहा था कि एक ही थाली में पति पत्नी को भोजन नही करना चाहिए। पत्नी के साथ एक ही थाली मे पति जब भोजन करता है तो पत्नी का प्रेम सर्वोपरि हो जाता है। ऐसी दशा में पत्नी तथा पति दोनों की मति भ्रष्ट हो जाती है। इसे शास्त्रों में गलत बताया गया है।

कहा गया है कि मति भ्रष्ट होने का मतलब है कि परिवार के लोगों में सही और गलत का निर्णय नहीं किया जाता। अगर पत्नी की गलती है ते भी वह गलती पति को दिखाई नहीं देती।

कहा गया है कि पति-पत्नी जब एक साथ एक थाली मे भोजन करते है तो इससे घर में कलह होता है। साथ में उस घर में दरिद्रता तथा अन्य कई तरह की समस्या भी आती है।

इनके साथ करें भोजन

भीष्म ने कहा कि सभी भाइयों के एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए। इससे भाइयों में प्रेम बढ़ता है। एक दूसरे के प्रति श्रद्धा का भाव पैदा होता है। ऐसे परिवार को कोई भी तोड़ नहीं सकता। वह परिवार सदैव तरक्की करता है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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