लाइफस्टाइल

कोरोना से बचते हुए कैसे खेलें घर में होली, जाने कुछ टिप्स

अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। चाहे आम दिन हों या फिर त्यौहार के दिन। हम कोरोना को भुला नही सकते है। होली का त्यौहार नजदीक है और हमे कोरोना का डर सता रहा है। कोरोना ने जैसे ही अपनी वर्षगांठ मनाई वह एक फिर तेजी के साथ बढने लगा। इस बार की होली मे कोरोना रंग में भंग डालता दिख रहा है।  

अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। चाहे आम दिन हों या फिर त्यौहार के दिन। हम कोरोना को भुला नही सकते है। होली का त्यौहार नजदीक है और हमे कोरोना का डर सता रहा है। कोरोना ने जैसे ही अपनी वर्षगांठ मनाई वह एक फिर तेजी के साथ बढने लगा। इस बार की होली मे कोरोना रंग में भंग डालता दिख रहा है।

हम होली खेलकर उसका आनंद उठाना चाहते हैं लेकिन केारोना गले में हड्डी की तरह फंसा हुआ है। जिसे न तो निगला जा सकता है और ना ही उसे उगला ही जा सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम कुछ ऐसे उपाय करेें कि सांप भी मर जाय और लाठी भी न टूटे वाली कहावत का जैसा लाभ मिल जाय।

इस वर्ष की होली खेलते समय हमें रासायनिक रंगों का उपयोग करने के बजाय देशी आर्गेनिक रंगो का उपयोग करें। घर आये मेहमान का अभिवादन गले लगाकर करने के बजाय हांथ जोडकर करें। इससे कोरोना से बचत हो सकती है।

वही हमें ध्यान रखना होगा कि घर आने वाले मेहमान का स्वागत तो करें लेकिन सर्तकता पूर्वक यह निश्चित कर लें कि कहीं घर आये मेहमान को सर्दी, बुखार तो नही है। अगर कोरोना से सम्बंधित लक्षण दिखे तो सर्तकता के साथ मिलें और दूरी बनाए रखें।

साथ ही हम सभी को यह निश्चित करना चाहिए कि अगर हमारी तबियत खराब है भले ही कोरोना नही है। फिर भी हमें अपने घर पर रहकर, शारीरिक दूरी बनाते हुए घर आने वाले मेहमानों से मिले। हो सके तो दूर ही रहे।

हमें सबसे जरूरी बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। अपने चेहरे को मास्क से ढककर रखना चाहिए। लेकिन ऐसा करने मे लोग शर्माते हैं। लेाग चेहरा नहीं ढकना चाहते। लेकिन कोरोना से बचने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका यही है। इसे जरूर अपनाएं।

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