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दो दिन मनाई जाएगी धनतेरस, पर्व का यह है महत्त्व, पढ़िए पूरी खबर
दो दिन मनाई जाएगी धनतेरस, पर्व का यह है महत्त्व, पढ़िए पूरी खबर
धनतेरस। खरीदी के लिए मनाया जाने वाला धनतेरस इस वर्ष दो दिन मनाया जा रहा हैं। इसके पीछे विद्वानो ने जो जानकारी दी है उसमें धनतरेस की तिथी 12 नवम्बर की शाम से शुरू हो रही है। जबकि उदयकाल में 13 नवम्बर को मनाई जाएगी।
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यह है मुहूर्त
विद्वान 13 नवंबर को धनतेरस मनाना शास्त्र सम्मत बता रहे हैं। 12 को द्वादशी तिथि शाम 6.18 बजे तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लगेगी। त्रयोदशी 12 को प्रदोषकाल में त्रयोदशी रहने से इस दिन ही धनतेरस मानी जानी चाहिए। इधर 13 नवंबर को धनतेरस मानने के पीछे विद्वानों का तर्क है कि त्रियोदशी तिथि 12 को रात 9.33 बजे शुरू होगी जो 13 नवंबर को शाम 6.01 बजे तक रहेगी। 13 को त्रियोदशी उदयाकाल और प्रदोषकाल दोनो समय रहेगा। इसके चलते 13 को धनतेरस मनाई जानी चाहिए।
वैद्य भगवान धनवंतरी का हुआ था अवतरण
ज्योर्तिविद् के अनुसार हिंदु धर्म में समृद्धि के प्रतीक पांच दिनी दीपावली पर्व का विशेष महत्व है। इसके पहले दिन कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को देव वैद्य भगवान धनवंतरी का अवतरण हुआ था। उनके चार हाथ है। इनमें अमृत कलश, औषधि, शंख-चक्र आदि है। इस दिन आरोग्यता की कामना से भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाता है। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है।
दीपदान का है महत्व
कहा जाता है कि इस दिन धन को तेरह गुणा करने के लिए लक्षमी, कुबेर और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए यम को दीपदान करना चाहिए। दीपावली के पहले इस दिन खरीदारी करना शुभ माना गया है। इसमें सोने-चांदी के साथ बर्तन की खरीदारी का विशेष महत्व है। इसके चलते इस दिन छोटे-बड़े सभी बाजार खरीदारों से गुलजार हो गए हैं।
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