आज का श्रवण कुमार: मां को पुराने स्कूटर में 65 हजार किमी तक भारत भ्रमण कराया, देश के सभी मंदिरों में दर्शन कराए; अब आनंद महिंद्रा ने गिफ्ट की कार
आज का श्रवण कुमार: मां को पुराने स्कूटर में 65 हजार किमी तक भारत भ्रमण कराया
कर्नाटक के मैसूर निवासी दक्षिणामूर्ति कृष्णकुमार को श्रवण कुमार की तरह अपनी मां की सेवा कर रहें हैं। 73 वर्षीय बुजुर्ग मां चौदारथना को भारत के सभी मंदिरों के दर्शन कराने के लिए वे अपनी पुरानी बजाज चेतक स्कूटर में भारत भ्रमण के लिए निकल पड़े और अब तक 65 हजार किमी तक का सफर कर चुके हैं। अभी वे महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे हुए हैं। उनकी कहानी से प्रभावित होकर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने दक्षिणामूर्ति को एक कार भेंट की है।
दक्षिणामूर्ति कृष्णकुमार अपनी 73 वर्षीय बुजुर्ग मां चौदारथना के साथ हेलमेट पहनकर अपनी पुरानी स्कूटर में नागपुर पहुंचे हुए हैं। इन मां-बेटे की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। दक्षिणामूर्ति ब्रह्मचारी हैं, उन्होंने शादी नहीं की। लेकिन मां की सेवा के लिए वे श्रवण कुमार बने हुए हैं।
घर के अलावा मां ने दुनिया नहीं देखा, अब भारत भ्रमण कर रहीं
दक्षिणामूर्ति के मुताबिक़, उनकी 73 वर्षीय बुजुर्ग मां चौदारथना अम्मा ने घर और घर की चारदीवारी के अलावा बाहर की दुनिया नहीं देखि थी। एक दिन उन्होंने कहा कि उन्हें भारत भ्रमण करना है। मां की इच्छा पूरी करने के लिए दक्षिणामूर्ति ने अपनी मोती तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी और अपनी पुरानी स्कूटर लेकर मां संग भारत भ्रमण में निकल पड़े।
2018 में भारत भ्रमण के लिए निकले थे मां-बेटा
साल 2018 में दक्षिणामूर्ति अपनी मां चौदारथना अम्मा के साथ पुराने स्कूटर में निकल गए। वे अभी भारत भ्रमण पर ही हैं। दक्षिणामूर्ति अपनी मां के साथ अब तक 65 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। वे देश के लगभग सभी प्रमुख स्थानों, मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं।
उनकी 73 वर्षीय चौदारथना अम्मा का कहना है कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है। उसने मुझे देश के लगभग सभी मंदिरों के दर्शन कराए। आज के बेटों को भी मेरे बेटे से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमने कई बार सुना है कि वृद्ध अवस्था में बेटे अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम छोड़ देते हैं। ऐसे में मेरे बेटे ने मुझे भारत भ्रमण कराकर एक अनोखी मिसाल पेश कि है।
आनंद महिंद्रा ने कार गिफ्ट की
दक्षिणामूर्ति की कहानी और अपनी मां के प्रति ऐसा प्रेम भारतीय उद्योगपति को प्रभावित कर गया। जब उन्हे इस बारे में पता चला तो आनंद महिंद्रा ने दक्षिणामूर्ति को महिंद्रा कंपनी की कार गिफ्ट दी। हांलाकी कार का इस्तेमाल दक्षिणामूर्ति कम ही करते हैं, वे बेहद जरूरी काम होने पर ही कार को निकालते हैं।