Farming Tips: नवंबर में शुरू करें इन फसलों की बागवानी, होगा अधिक उत्पादन, मिलेगा लाभ
Framing tips in hindi: किसानी के लिए सबसे अधिक जानना आवश्यक है कि उन्हें किस बागवानी फसल की खेती कब करनी है। उपयुक्त समय पर अगर किसान सही बागवानी फसलों की खेती करते हैं तो एक ओर जहां लागत कम आती है तो वहीं उत्पादन भी ज्यादा होता है। ऐसे में किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त होता है। आज हम नवंबर के महीने में बोई जाने वाली सब्जी की फसलो के बारे मे जानकारी देंगे।
फूलगोभी
वैसे फूलगोभी की रोपाई जून-जुलाई के महीने में की जाती है। तो वही पछेती की खेती अक्टूबर और नवंबर के महीने में की जाती है। नवंबर में पहले सप्ताह में फूलगोभी की रोपाई अच्छा उत्पादन देती है। इस समय कीटों का प्रभाव कम होने से लागत में कमी आती है।
पत्ता गोभी
पत्ता गोभी की खेती अक्टूबर के महीने से शुरू होकर नवंबर के महीने में की जाती। इस दो महीनों में पत्तागोभी की रोपाई बहुत उपयोगी है। पत्ता गोभी की फसल 60 से 120 दिन की होती है इसके उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर में 200 से 300 क्विंटल पत्ता गोभी का उत्पादन लिया जा सकता है।
टमाटर
टमाटर की खेती के लिए के लिए नर्सरी लगाने का समय अक्टूबर का महीना उपयुक्त माना गया है। कई बार टमाटर की नर्सरी अगस्त के महीने में डाल दी जाती है। नवंबर के महीने में टमाटर की रोपाई किसान भाइयों को कर देने से अच्छा लाभ प्राप्त होता है।
शलगम
शरद ऋतु में की जाने वाली शलगम की खेती अधिक उत्पादन देती है। 60 दिनों में तैयार होने वाली यह फसल दो किस्म की होती है। एक सफेद और लाल किसमें शीघ्र तैयार होकर किसान को पर्याप्त उत्पादन देती है। सर्दी के समय इन फसलों पर किसी भी तरह के कीटों का प्रभाव नहीं होता।
मूली
मूली की खेती सर्दी के समय यानी कि नवंबर के महीने में अत्याधिक उत्पादन देने वाली होती है। सर्दी के समय मूली के पत्तों पर कीटों का प्रभाव कम हो जाता है। ऐसे में मूली की फसल 40 से 60 दिन में तैयार हो जाती है। मूली का अत्याधिक उत्पादन ही किसानों को लाभ देता है।
पालक
आज के समय में उन्नत किस्म के बीजों के आ जाने से वर्ष भर उत्पादन लिया जाता है। आमतौर पर अक्टूबर से अप्रैल तक का समय का पालक उत्पादन के लिए उपयुक्त माना गया है।
प्याज
गर्मी के दिनों में तैयार होने वाली प्याज की नर्सरी नवंबर के अंतिम सप्ताह में डालना चाहिए। अत्याधिक ठंड होने पर प्याज के बीजों में जर्मीनेशन कम हो जाता है। वही नर्सरी तैयार होने में ज्यादा समय लगता है। इसलिए प्याज की नर्सरी अक्टूवर माह के अंतिम सप्ताह में डालना उपयुक्त माना गया है।