मध्य प्रदेश: 3 साल में 39 लाख लोगों ने फॉर्म भरे, सरकार ने 17 करोड़ खर्च किए, नौकरी मिली सिर्फ 21 लोगों को
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रदेशभर में रोजगार कार्यालय खोले हैं, 1 अप्रैल 2020 से एमपी सरकार ने 52 जिलों में एम्प्लॉयमेंट ऑफिस खोले थे, और इसके लिए सरकार ने 16.74 करोड़ रुपए भी खर्च किए. अब सरकार ने नौकरी दिलाने के लिए करीब 17 करोड़ रुपए सिर्फ दफ्तर बनाने में खर्च किए तो कुछ काम भी किया होगा?
यही सवाल कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव ने सरकार से पूछ लिया और जब मध्य प्रदेश सरकार ने इसका जवाब दिया तो विधानसभा में बैठे मंत्री,विधायकों से लेकर प्रदेश की जनता तक हैरान रह गई. मालूम हुआ कि बीते 3 साल में मध्य प्रदेश सरकार ने सिर्फ 21 लोगों को सरकारी नौकरी दी है.
39 लाख ने फॉर्म भरे और नौकरी मिली सिर्फ 21 को
मध्य प्रदेश सरकार ने बताया है कि बीते तीन सालों में एमपी में टोटल 39 लाख लोगों ने नौकरी के लिए फॉर्म भरा था, जिनमे से 37 लाख 80 हज़ार से ज़्यादा लोग पढ़े लिखे थे और बाकी अशिक्षित थे. लेकिन इन फॉर्म भरने वाले 39 लाख लोगों में सिर्फ 21 लोगों को ही नौकरी मिल पाई.
सरकार ने सदन में बताया है कि पिछले साल 25.8 लाख लोगों ने मध्य प्रदेश रोजगार पंजीयन में अपना नाम दर्ज किया था. यह डेटा 1 अप्रैल 2022 का था, लेकिन 2022 खत्म होते-होते रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 39 लाख पहुंच गई.
मामा ने 15 अगस्त तक लाखों भर्ती करने का वादा किया है
भले ही सरकार ने बीते तीन साल में सिर्फ 21 लोगों को सरकारी नौकरी दी, मगर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की जनता से वादा किया है कि 15 अगस्त 2023 तक वह खाली पड़े 1 लाख 12 हज़ार पदों में भर्तियां करेंगे।