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जबलपुर में बच्चों को भीगता देख छतरी लेकर पहुंचे कलेक्टर इलैया राजा टी, बच्चों ने कही बड़ी बात
MP Jabalpur News: एक ओर आजादी का जश्न तो वहीं इस जश्न में शामिल मेघ रह-रहकर बारिश कर रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो स्वर्ग से मेघ भी शामिल होने आए हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस अमृत महोत्सव में बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। उनके उत्साह के आगे बारिश भी कमजोर पड़ती दिख रही थी। बच्चों को भीगते हुआ देख जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) से रहा नहीं गया और वह बच्चों के पास पहुंच गए। लेकिन बच्चों ने वह हिम्मत दिखाई की जिला कलेक्टर का हौसला भी इतना बढ़ा की वह भी छतरी छोड़कर बच्चों के साथ खड़े हो गए।
स्वतंत्रता दिवस के दिन जबलपुर में बारिश
एक ओर स्वतंत्रता दिवस की तैयारी। अमृत पर्व मनाने के लिए बच्चा बच्चा उत्साहित दिख रहा था। ध्वजारोहण के लिए प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव पहुंच गए। मंच सजा हुआ था। सामने खुले मैदान में बच्चे अपनी प्रस्तुति देने के लिए बैठे हुए थे। हल्की-हल्की बारिश बच्चों को कपा रही थी। यह सब देख कलेक्टर इलैया राजा टी (Ilaiyaraaja T) बच्चों के पास पहुंच गए।
बच्चों ने जो कहा सब रह गए दंग
बताया जाता है कि कलेक्टर इलैया राजा टी बच्चों के पास छतरी लिए इस उद्देश्य से पहुंचे कि उन्हें शेड पर बैठा दिया जाए। कलेक्टर ने बच्चों से कहा भी कि आपका कार्यक्रम रद्द किया जाता है आप सभी बच्चे शेड में चले जाएं। लेकिन बच्चों ने वह बात कही जो दिल को छू जाने वाली और सभी को प्रेरणा लेने वाली सिद्ध हुई।
बच्चों ने कलेक्टर से कहा कि वह नहीं चाहते कि कार्यक्रम रद्द किया जाए। वह भींग रहे हैं तो क्या हुआ वह प्रस्तुति अवश्य देंगे। बच्चों ने कलेक्टर से कार्यक्रम रद्द न करने की अपील भी की। शायद बच्चों ने यहां तक कह दिया कि यह दिन तो वर्ष में सिर्फ एक बार आता है।
इतना सुनने के बाद कलेक्टर इलैयाराजा (Ilaiyaraaja T) की स्वयं भावुक हो उठे। उन्होंने निश्चित किया कि अब वह भी बिना छतरी के बच्चों के साथ खड़े रहेंगे। और उन्होंने वैसा ही किया। कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चे और भी अधिक उत्साहित हुए थे। जो बच्चे ठंड से कांप रहे थे उनकी भी ठंड गायब हो गई। कलेक्टर बच्चों का लगातार उत्साह बढ़ाते रहें और उनके साथ रहे।
हालांकि बताया जाता है कि कार्य के मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव महापौर जगत बहादुर अन्नू ने भी बच्चों को समझाने का प्रयास किया था। लेकिन बच्चों ने कहा कि उन्होने बहुत तैयारी की है। वह बगैर प्रस्तुति दे यहां से नहीं जाना चाहते। बच्चों के इस उत्साह को देखते हुए कलेक्टर ने स्वयं कार्यक्रम की कमान संभाली और उनके साथ डटे रहे।