जबलपुर

एमपी जबलपुर के आयुध निर्माणी खमरिया में बने बमों का लॉट फेल, दो जेडब्ल्यूएम निलंबित

Sanjay Patel
6 Dec 2022 4:04 PM IST
एमपी जबलपुर के आयुध निर्माणी खमरिया में बने बमों का लॉट फेल, दो जेडब्ल्यूएम निलंबित
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आयुध निर्माणी खमरिया में बने अलग-अलग बमों का लॉट फेल होने पर यहां पदस्थ दो जेडब्ल्यूएम पर गाज गिरी है। इन्हें निलंबित करने के साथ दोनों अधिकारियों की गंभीर लापरवाही मानते हुए फैक्ट्री प्रशासन ने जांच बैठा दी है।

आयुध निर्माणी खमरिया में बने अलग-अलग बमों का लॉट फेल होने पर यहां पदस्थ दो जेडब्ल्यूएम पर गाज गिरी है। इन्हें निलंबित करने के साथ दोनों अधिकारियों की गंभीर लापरवाही मानते हुए फैक्ट्री प्रशासन ने जांच बैठा दी है। अब मामले की जांच एजीएम स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इस कार्रवाई से यहां कार्य कर रहे कर्मचारियों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है।

क्या है मामला

देश की सबसे बड़ी आयुध निर्माणी खमरिया में बने बमों के टारगेट को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही थीं। जिसके चलते लॉट को निरस्त कर दिया गया था। वहीं कर्मचारियों का आरोप था कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा केवल बमों की संख्या पर ध्यान दिया गया। जबकि इसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आयुध निर्माण फैक्ट्री में कुछ हफ्ते पहले ही 84 एमएम बम, 551 और 751 एम्युनेशन के चार लॉट बने थे। जब इन बमों को लॉन्ग प्रूफ रेंज में क्वालिटी चेक को सौंपे गए तो चेकिंग के दौरान बमों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए इन्हें अस्वीकार कर दिया गया था। सूत्रों की मानें तो बमों के टारगेट को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही थीं जिसके कारण लॉट को अस्वीकार किया गया था।

इनको किया निलंबित

आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों के अनुसार यहां बने बमों के जो लॉट अस्वीकार किए गए उनकी कीमत तकरीबन करोड़ों में बताई गई थी। खमरिया के सेक्शन फीलिंग-3 में सेना के लिए बम बनाए गए थे। करोड़ों की लागत से बने यह बम लॉन्ग प्रूफ रेंज में टेस्टिंग के दौरान फेल हो गए। जिसे फैक्ट्री प्रशासन ने गंभीर लापरवाही मानते हुए इन बमों की देखरेख की जिम्मेदारी निभा रहे दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। बमों के देखरेख की जिम्मेदारी जेडब्ल्यूएम नदीम और जयंत को दी गई थी। मामले की जांच भी एजीएम स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है। दोनों अधिकारियों द्वारा अपने काम के प्रति लापरवाही बरती गई जिससे आयुध निर्माणी खमरिया को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा।

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