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एमपी जबलपुर सहकारी बैंक के सीईओ को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया ट्रेप
मध्यप्रदेश के सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। काम के बदले रिश्वत मांगना चलन सा बन गया है। लोकायुक्त द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाईयों के बाद भी अधिकारी, कर्मचारी इससे परहेज नहीं कर रहे हैं। लोकायुक्त ने सहकारी बैंक के सीईओ को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप किया है। मामला जबलपुर का है।
ज्वाइनिंग कराने की एवज में मांगी थी रकम
जबलपुर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित में सोमवार को उस वक्त हड़कम्प मच गया जब लोकायुक्त टीम ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेश कुमार जैन को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सीईओ द्वारा उक्त रकम राधेलाल यादव को ज्वाइनिंग व चार्ज लेने के एवज में मांगी गई थी। लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि राधेलाल यादव पिता स्व. सरजू प्रसाद यादव निवर्तमान समिति प्रबंधक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति तलाड मुकाम पोस्ट तलाड तहसील मझौली की जिला प्रशासन द्वारा सेवा समाप्त कर दी गई थी। जिसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया। स्थगन मिलने के बाद जब आवेदक राधेलाल यादव ने ज्वाइनिंग व चार्ज लेने के लिए आवेदन किया तो सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित वीरेश कुमार जैन उम्र 62 वर्ष द्वारा 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई।
रिटायर होने में बचे थे 6 माह
लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। बताया गया है कि सीईओ वीरेश कुमार जैन 6 माह बाद ही रिटायर होने वाले थे। सीईओ द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत पीड़ित द्वारा लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की गई थी। राधेलाल यादव द्वारा जैसे कार्यालय पहुंचकर सीईओ वीरेन्द्र कुमार जैन को 20 हजार रुपए की रिश्वत दी गई तभी लोकायुक्त टीम ने उन्हें दबोच लिया। कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त टीम में डीएसपी दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके, भूपेन्द्र सिंह दीवान सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे। लोकायुक्त कार्रवाई की खबर से देखते ही देखते मौके पर अधिकारियों व कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई।