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स्वच्छता का पंच: इंदौर 5वीं बार बना देश का 'सबसे स्वच्छ शहर', सूरत दूसरे, विजयवाड़ा तीसरे स्थान पर
Swachh Sarvekshan Award 2021: इंदौर ने स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड 2021 को अपने नाम करते हुए 'स्वच्छता का पंच' लगा दिया है. एक बार फिर भारत के सबसे स्वच्छ शहर की लिस्ट (Cleanest City of India 2021 List) में मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) ने टॉप किया है. इंदौर के बाद दूसरे स्थान में सूरत तो तीसरे में विजयवाड़ा शामिल हैं.
शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को नंबर वन शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवाॅर्ड दिया. इस लिस्ट में इंदौर के बाद सूरत और विजयवाड़ा को रखा गया है.
इस मौके पर इंदौर की सफाई मित्र इंदिराबाई आदिवाल का भी सम्मान किया गया. कार्यक्रम में मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त संदीप सोनी, SE महेश शर्मा शामिल हुए.
इंदौर को स्वच्छ बनाने सालाना 50 करोड़ का खर्च
शहर की स्वच्छता के लिए इंदौर नगर निगम 'आत्मनिर्भर' बन चुका है. पहली बार इंदौर नगर निगम को गाड़ियां खरीदने और ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण कचरा प्रबंधन पर 160 करोड़ खर्च करना पड़े थे. लेकिन इसके बाद से यह खर्च घटकर 50 करोड़ रूपए सालाना हो गया है. पिछले साल 90% कचरा प्रबंधन शुल्क वसूला, जो 45 करोड़ था. गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, ऐसा जर्मनी में भी नहीं.
कचरे से भी इंदौर की कमाई हो रही
इंदौर नगर निगम अभी कचरे से 20 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है. इसमें कार्बन क्रेडिट, CNG, कम्पोस्ट खाद, सीएनडी वेस्ट व सूखे कचरे से हो रही आमदनी शामिल है. एक्सपर्ट का मानना है कि जिस तेजी के साथ इंदौर कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है, आने वाले तीन साल में ही कचरे से हमारी कमाई 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी.
इकोनॉमी पर असर
1.74 लाख करोड़ हुई GDP सफाई में सतत अच्छे प्रदर्शन से इंदौर बड़े ब्रांड के रूप में उभरा है. IIM इंदौर के साथ भास्कर की स्टडी में सामने आया कि इन पांच वर्षों में इंदौर की GDP 1.74 लाख करोड़ तक जा पहुंची है. निवेश का आंकड़ा भी 30 हजार करोड़ हो गया है. IIM चेयरमैन डाॅ. हिमांशु राय के मुताबिक यही गति रही तो 5 साल में डेढ़ से दो गुना बढ़ जाएगी इंडस्ट्री. इंदौर देश के सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले शहरों में शुमार होगा.