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MP News: जंगल खराब करना पड़ेगा भारी, ऐसा करने पर पर्यटकों को उठाना होगा कचरा
MP Indore News: जंगलों को कचरा फैलाकर खराब करने वाले पर्यटकों पर वन विभाग अब सख्ती बरतने जा रहा है। जंगल में यदि कचरा फैला मिला तो संबंधित पर्यटक को ही यह कचरा साफ करना होगा। जिसके लिए बकायदे इंदौर फारेस्ट डिवीजन ने व्यवस्था लागू कर दी है। लोगों की यह मंशा रहती है कि चलते हैं जंगलों की ओर वहीं जाकर पिकनिक, पार्टी आदि मनाएंगे। इस दौरान पर्यटकों द्वारा पिकनिक, पार्टियां मनाने के बाद कचरा वहीं पर फेंक दिया जाता है जिससे वातावरण प्रदूषित होता है। इतना ही नहीं पर्यटकों द्वारा बचे हुए खाने को भी फेंके जाने से इसके खाने से जानवरों की सेहत पर भी इसका असर देखा जाता है जिससे वह बीमार तक हो जाते हैं।
वन विभाग ने किया अनोखा प्रयोग
इंदौर में अब जंगलों को भी साफ रखने की दिशा में वन विभाग द्वारा अनोखा प्रयोग किया जा रहा है। जंगलों में मौज मस्ती के लिए जाने वाले पर्यटकों द्वारा बिखेरे गए कचरे को उन्हीं पर्यटकों द्वारा साफ करवाया जा रहा है जो इन्हें पार्टी और पिकनिक के दौरान फैला देते हैं। विभाग ने यह प्रयास चोरल रेंज में आने वाले पर्यटन स्थलों से प्रारंभ कर दिया है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो पर्यटकों द्वारा कचरा फैलाए जाने से जहां बीमारियां बढ़ती हैं तो वहीं वातावरण पर भी इसका असर पड़ता है। ऐसे में यह प्रयास जंगल में सफाई रखने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा। जिससे जंगलों का वातावरण और बेहतर बन सकेगा।
सीएम हेल्प लाइन में की थी शिकायत
इस आशय की शिकायत सीएम हेल्प लाइन में जुलाई माह में एक पर्यटक द्वारा की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि पर्यटन स्थलों में समुचित साफ-सफाई व्यवस्था नहीं है। चारों ओर गंदगी पसरी रहती है। मामला चोरल रेंज में ढाबों से लगे वन क्षेत्र से जुड़ा था। वन विभाग इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है। जिस पर रेंजर रविकांत जैन ने शिकायतकर्ता से चर्चा की और सफाई को दृष्टिगत रखते हुए यह योजना बनाई गई। चोरल नदी कालाकुंड क्षेत्र में कुछ स्थानों पर पर्यटकों को पिकनिक मनाने की छूट दी गई है। जिसमें पर्यटकों से गंदगी नहीं फैलाने के लिए भी कहा गया है। ऐसा करते पाए जाने पर उनसे ही सफाई कराई जाती है जो यहां कचरा फैलाते हैं। इंदौर-खंडवा मार्ग पर चोरल में आने वाले अधिकांश पर्यटन स्थल तक पहुंचने का रास्ता है। वन विभाग ने पर्यटकों को वहां जाने से रोकने के लिए जगह-जगह पर तार फेंसिंग भी करा दी है। यहां तक कि कई स्थानों पर बैरिकेट्स भी लगा दिए गए हैं।