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इंदौर के कमल की दिव्यांगता भी नहीं डिगा सकी मनोबल, व्हीलचेयर से ही लगाते हैं चौके-छक्के
इंसान यदि चाह ले तो उसकी शारीरिक दिव्यांगता उसके राह में रोड़ा नहीं बनती। ऐसा ही कुछ करने का जज्बा रखते हैं दिव्यांग कमल। इंदौर के स्कीम 140 में रहने वाले कमल पंचोले उम्र 30 वर्ष के बचपन से ही दोनों पैर पोलियोग्रस्त हैं। टीवी पर भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ियों को लेकर उन्हें भी क्रिकेट खेलने का शौक हुआ और मोहल्ले में सामान्य बच्चों के साथ खेलने लगे। दोस्तों द्वारा उन्हें बात की जानकारी मिली कि दिव्यांगों की भी क्रिकेट सीरीज होती है। जिस पर उन्होंने दिव्यांगों की क्रिकेट सीरीज की ओर रुख किया और उम्दा प्रदर्शन करते हुए अब अच्छे क्रिकेटर के रूप में मध्यप्रदेश टीम का हिस्सा बन गए हैं।
यहां दे चुके हैं बेहतर परफार्मेंस
इंदौर निवासी कमल पंचोले के परिवार में उनके माता-पिता सहित चार भाई-बहन हैं। जिनमें कमल सबसे छोटे बताए गए हैं। बचपन से ही क्रिकेट का शौक रखने वाले कमल ने पहले क्रिकेट की बारीकियां जहां मोहल्ले में बच्चों के साथ खेलकर सीखीं तो वहीं अब वह मध्यप्रदेश की टीम में शामिल हो गए हैं। कमल की मानें तो व्हील चेयर क्रिकेट की जानकारी होने के बाद वर्ष 2016 में ट्रायल देकर मध्यप्रदेश व्हील चेयर क्रिकेट टीम में उनका चयन हुआ। जिसके बाद वह मध्यप्रदेश की टीम के लिए खेल रहे हैं। उनके द्वारा इंदौर, रायपुर, लखनऊ, सूरत और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बेहतर परफॉर्मेंस दिया गया। उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम करने के साथ ही टीम को जिताने में अहम रोल निभाया।
53 गेदों पर मारे 4 छक्के और 23 चौके
क्मल की मानें तो वह आलराउंडर हैं लेकिन बल्लेबाजी करना उन्हें ज्यादा पंसद है। हाल ही में उदयपुर में थर्ड व्हील चेयर क्रिकेट चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया था। 30 नवम्बर को हुई इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की टीम में शामिल कमल ने 53 गेदों पर 123 रन बनाए थे। जिसमें उनके द्वारा 4 छक्के और 23 चौके जड़े गए थे। हालांकि कमल की जोरदार पानी भी मध्यप्रदेश की टीम को फाइनल में नहीं पहुंचा सकी। बताया गया है कि इस चैम्पियनशिप में चार ग्रुप में कुल 16 टीमें खेल रही हैं। इतना ही नहीं कमल दिव्यांगों की भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी खेल चुके हैं।