इंदौर

इंदौर हाईकोर्ट ने 4 साल की बच्ची का रेप करने वाले की सज़ा कम कर दी! कहा- जिन्दा तो छोड़ दिया था

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
22 Oct 2022 5:52 PM IST
Updated: 2022-10-22 13:25:00
इंदौर हाईकोर्ट ने 4 साल की बच्ची का रेप करने वाले की सज़ा कम कर दी! कहा- जिन्दा तो छोड़ दिया था
x
Indore HC Verdict Today: 4 साल की बच्ची से रेप करने वाले दोषी को निचली अदालत ने उम्र कैद की सज़ा दी थी, इंदौर हाई कोर्ट ने उस दोषी को राहत देदी

Indore High Court: इंदौर हाईकोर्ट की एक बेंच ने 4 साल की बच्ची से रेप करने वाले दोषी को राहत देदी, HC ने दोषी की सज़ा को इस लिए कम कर दिया क्योंकि उसने रेप के बाद बच्ची को जिन्दा छोड़ दिया था. कोर्ट के जजों ने उस दोषी की सज़ा को उम्रकैद से कम करके सिर्फ 20 साल कर दी. जस्टिस सुबोध अभयंकर और एसके सिंह की बेंच ने दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया

Live Law के अनुसार दोषी को 4 साल की बच्ची से रेप के मामले में निचली अदालत ने IPC की धारा-376(2)(F) के तहत सजा सुनाई गई थी यानी उम्रकैद। इसके बाद दोषी अपनी सज़ा को लेकर हाईकोर्ट इंदौर गया, जहां उसने याचिका में कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है. उसने ये भी कहा कि FSL रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड में नहीं लिया गया. दोषी के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसमे उम्रकैद की सज़ा हो

सरकार ने कहा ये दया लायक नहीं

राज्य सरकार ने कोर्ट में जवाब दिया कि याचिकाकर्ता किसी तरह से भी नरमी के लायक नहीं है. और इसकी अपील ख़ारिज होनी चाहिए। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा- दोषी को उसके अपराध के लिए उचित सज़ा मिली है, FSL रिपोर्ट रिकॉर्ड न होने पर कोर्ट ने पुलिस को भी लापरवाही करने का जिम्मेदार बताया। इंदौर HC ने कहा- उपलब्ध सबूतों के आधार पर बिना शंका के दोषी का अपराध साबित होता है.

कोर्ट ने कहा- "यह सही है कि पीड़ित बच्ची के सैंपल को फोरेंसिक लैब भेजा गया लेकिन FSL रिपोर्ट रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है. इस तरह के जघन्य अपराधों से जुड़े केस में पुलिस की यह घोर लापरवाही है. सिर्फ FSL रिपोर्ट नहीं होना दोष को साबित होने से नहीं रोकता. इस मामले में ना सिर्फ गवाह मौजूद है बल्कि डॉक्टर रंजना पाटीदार द्वारा साबित मेडिकल सबूत भी उपलब्ध हैं."

ज़िंदा छोड़ दिया इसी लिए सज़ा कम हुई

इंदौर HC ने 4 साल की बच्ची का रेप करने वाले दोषी की सज़ा को उम्रकैद से हटाकर 20 साल इसी लिए कर दी क्योंकि उसने उसका रेप करने के बाद उसे जिन्दा छोड़ दिया था.

यह पहला मामला नहीं है जब कोर्ट ने ऐसे फैसले लिए हैं. इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल की बच्ची का रेप और मर्डर करने वाले की फांसी की सज़ा रोककर कहा था कि- Every Sinner Has A Furute



Next Story