इंदौर

एमपी के इंदौर में कलेक्टर की पहल पर बच्ची का हुआ ऑपरेशन, मिला नया जीवन

Sanjay Patel
30 Nov 2022 4:19 PM IST
एमपी के इंदौर में कलेक्टर की पहल पर बच्ची का हुआ ऑपरेशन, मिला नया जीवन
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आर्थिक तंगी से जूझ रहा एक परिवार अपनी बच्ची के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था। किन्तु जब उसने कलेक्टर से अपनी व्यथा जाहिर की तो उसकी समस्या का समाधान हो गया।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा एक परिवार अपनी बच्ची के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था। किन्तु जब उसने कलेक्टर से अपनी व्यथा जाहिर की तो कलेक्टर ने न केवल उसका समाधान किया बल्कि ऑपरेशन के दिए गए निर्देश के बाद बच्ची को नया जीवन मिल सका। मामला रतलाम का बताया गया है। पीड़ित अपनी बेटी का इलाज कराने इंदौर लेकर गए थे।

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार रतलाम निवासी अजय मौर्य के परिवार में प्रीमेच्योर बच्ची हुई थी। समय से पूर्व जन्म लिए इस बच्ची की उम्र सात माह थी। इस दौरान पता चला कि उसके शरीर में मल-मूत्र का स्थान नहीं है। जिसके लिए ऑपरेशन कराया जाना आवश्यक था। किन्तु उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि अपने पैसों से ऑपरेशन करा सकें। अपनी व्यथा लेकर जब परिवार के लोग अपर कलेक्टर अभय बेडेकर से मिले तो उन्होंने बच्ची को अरबिंदो अस्पताल भेज दिया। जहां पांच दिनों बाद उसका ऑपरेशन हुआ। इसके बाद बच्ची का दूसरा ऑपरेशन किया जाना था। किन्तु उसका वजन कम होने के कारण चिकित्सकों ने वजन बढ़ाने की सलाह दी। फिलहाल बच्ची अब स्वस्थ बताई गई है।

कलेक्टर डॉ. इलैया राजा को सुनाई व्यथा

चिकित्सकों द्वारा दी गई सलाह पर परिजनों ने बच्ची के वजन बढ़ाने पर ध्यान दिया। इस दौरान बच्ची का वजन लगभग 6.5 किलोग्राम हो गया। जिस पर वे पुनः इंदौर आए और बच्ची के दूसरे ऑपरेशन के लिए कई अस्पतालों में भटके किन्तु इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। इस दौरान पीड़ित परिवारजनों द्वारा एक सामाजिक कार्यकर्ता के माध्यम से कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई गई। जिस पर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ को आवश्यक निर्देश दिए गए। बताया गया है कि सीएमएचओ को दिए गए निर्देश के बाद बच्ची की कई आवश्यक जांच की गईं। उसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया। चिकित्सकों की मानें तो इस तरह के मामलों को मेडिकल की भाषा में इम्परफोरेट एनस कहा जाता है। जो एक चिकित्सीय असामान्यता है जो अपूर्ण विकास या गुदा की अनुपस्थिति का कारण बनती है। इसमें ऑपरेशन के माध्यम से मल-मूल के लिए कृत्रिम मार्ग बनाया जाता है।

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