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एमपी के इंदौर में ठंड से बचाने मंदिरों में भगवान को पहनाए जाते हैं गर्म कपड़े
धीरे-धीरे ठण्ड अपने शबाब पर आ रही है। जिसका असर आम दिनचर्या पर भी दिखने लगा है। ठण्ड से बचने लोगों द्वारा जहां तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं तो वहीं भगवान को ठण्ड न लगे इसके भी उपाय प्रारंभ कर दिए गए हैं। ठण्ड को देखते हुए मंदिर में जहां भगवान को गर्म कपड़े पहनाए गए तो वहीं उनको लगाए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया गया है।
गणेशजी को रात 11 बजे पहनाते हैं ऊनी कपड़े
सर्वाधिक ठंड का असर रात्रि में ही देखने को मिलता है। ऐसे में इंदौर के प्राचीनतम खजराना मंदिर में भगवान गणेश का विशेष ध्यान रखा जाता है। ठंड के प्रारंभ होने के साथ ही यहां पर भगवान के वस्त्रों में बदलाव देखने को मिलता है। मंदिर में भगवान गणेश को रात में ही गर्म ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं। मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट के अनुसार शीतकालीन सत्र प्रारंभ होने के साथ ही गर्म कपड़े पहनाने का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। भगवान गणेश को रात्रि 11 बजे गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं जो सुबह 6 बजे तक धारण किए रहते हैं। इसके बाद उनके वस्त्र बदलकर अभिषेक पूजन आदि की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।
राम दरबार के लिए तैयार हो गर्म वस्त्र
इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में भी ठण्ड के दिनों में भगवान को गरम कपड़े पहनाए जाते हैं। इस बार राम दरबार के लिए भी गर्म वस्त्र तैयार करवाए जा रहे हैं। मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के अनुसार भगवान के भोग व वस्त्रों में बदलाव मलमास के दिनों में किया जाता है। जिससे आगामी कुछ ही दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहनाना प्रारंभ कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही खिरान का भोग लगाना भी भगवान के लिए प्रारंभ किया जाएगा। यहां हनुमानजी के श्रृंगार के दौरान ही गर्म वस्त्र पहनाए जाते हैं जबकि रात को शाल ओढ़ाई जाती है।
राधा-कृष्ण को ओढ़ाते हैं शॉल
इंदौर में ही राजबाड़ा के समीप प्राचीन गोपाल मंदिर स्थित है। ठंड का मौसम आने के साथ ही यहां भी राधा-कृष्ण को गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं। मंदिर के पुजारी पं. बालमुकुंद पाराशर की मानें तो रात के समय भगवान राधा-कृष्ण को गर्म कपड़े और शॉल ओढ़ाई जाती है। इस दौरान मंदिर में भगवान का अभिषेक भी गर्म पानी से किया जाता है। भगवान को ठंड न लगे इसके लिए शयन आरती के बाद भगवान को गर्म कपड़ों व शॉल से ढंका जाता है।