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कचरे से बनेगा कोयला, कोयले से बनेगी बिजली, इंदौर में एनटीपीसी लगायेगा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट
कचरे से बनेगा कोयला, कोयले से बनेगी बिजली, इंदौर में एनटीपीसी लगायेगा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट
इंदौर। विद्युत ऊर्जा सम्पन्न देश हो या प्रदेश वहां विकाश की अपार सम्भावनाएं होती है। जिस देश के पास आज बिजली की समस्या है वहां कोई भी उद्योग लगाना सम्भव नहीं होता है। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर देश ऊर्जा के क्षेत्र में नित नये प्रयोग कर रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश भी कई प्रयोग कर ऊर्जा सम्पन्न प्रदेश बनने जा रहा है। देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट मध्य प्रदेंश के रीवा जिले में लगा हुआ है।
इसी क्रम में प्रदेश सरकार एनटीपीसी की मदद से इंदौर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का काम चल रहा है। इस प्लांट के लग जाने से थर्मल पावर प्लांटों को कचरे से बना कोयला उपलब्ध होगा और इस कोयले से बिजली बनाई जायेगी। एक अनुमान के मुताबिक इंदौर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट वर्ष 2021 के अंत तक बनकर तैयार हो जायेगा। वही इंदौर के बाद वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भोपाल तथा बनारस में लगाया जायेगा। प्लांट लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की जवावदारी नगर निगम की होगी। ऐसा करने पर नगर निगमों की आय भी बढेगी।
जानकारी के अनुसार एनटीपीसी इंदौर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। प्लांट में उस कचरे का उपयोग किया जायेगा जिससे पुनः रिसाइकिल नहीं किया जा सकता। इस कचरे को प्लांट टोरीफाइड कोल बना देगा। और इस कोयलें का उपयोग खंडवा और आसपास के बिजली उत्पादन केन्द्रों को दिया जायेगा जिसके माध्यम से बिजली बनाई जायेगी।
हमारे देश में देा प्रकार का कचार निकलता है जिसमें सूखा और गीला कचरा शामिल है। कई कचरे को रिसाइकिल कर उसका उपयोग किया जाता है लेकिन कई इस तरह के कचरे है जिन्हे रिसायकिल नहीं किया जा सकता। इस तरह के कचरे को रिसाइकिल कर कोयला बनाया जायेगा और उसका उपयोग बिजली बनाने में किया जायेगा।