इंदौर

Indore Toy Production: एमपी का इंदौर IT के बाद अब TOY का बना हब, प्रतिदिन 65 से 70 लाख खिलौनों का प्रॉडक्शन

Sanjay Patel
17 Jun 2023 4:38 PM IST
Indore Toy Production: एमपी का इंदौर IT के बाद अब TOY का बना हब, प्रतिदिन 65 से 70 लाख खिलौनों का प्रॉडक्शन
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MP News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर अब तेजी से खिलौना निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। आईटी और स्टार्टअप हब के रूप में मध्य भारत में अपनी पहचान बना चुके इंदौर ने खिलौना सेक्टर में तेजी से ग्रोथ की है।

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर अब तेजी से खिलौना निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। आईटी और स्टार्टअप हब के रूप में मध्य भारत में अपनी पहचान बना चुके इंदौर ने खिलौना सेक्टर में तेजी से ग्रोथ की है। यहां प्रतिदिन 65 से 70 लाख खिलौनों का उत्पादन हो रहा है। जबकि महामारी के पहले यह उत्पादन 6 से 7 लाख रोजाना ही था।

200 से ज्यादा टॉय बनाने की कंपनियां

एमपी के इंदौर में वर्तमान समय पर लगभग 200 से ज्यादा कंपनियों द्वारा टॉय बनाने का कार्य किया जा रहा है। यह प्रमोशनल, प्लास्टिक, कैंडी और लेदर टॉय बना रही हैं। कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि महामारी के पहले प्रतिदिन 6 से 7 लाख खिलौनों का निर्माण किया जा रहा था। जो अब ग्रोथ करते हुए 65 से 70 लाख प्रतिदिन पर पहुंच गया है। इंदौर में चल रही कंपनियों में तेजी के साथ टॉय बनाने का कार्य किया जा रहा है।

300 करोड़ की अनुमानित प्रोडक्शन वैल्यू

200 से अधिक खिलौना निर्माण इकाइयों द्वारा टॉय बनाने का कार्य किया जा रहा है। मप्र टॉय मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के सचिव सचिन गुरेजा के मुताबिक इंदौर की खिलौना उत्पादन में 300 करोड़ रुपए की अनुमानित प्रोडक्शन वैल्यू है। उन्होंने बताया कि पहले देश में 70 प्रतिशत टॉय चीन से तैयार होकर आते थे। किंतु अब यह टॉय भारत में ही तैयार हो रहे हैं। इस समय कैंडी टॅाय का हब इंदौर है।

35 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा रोजगार

इंदौर में संचालित टॉय कंपनियों में 35 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। इंदौर में सबसे अधिक प्रमोशन और कैंडी टॉय का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर में बने खिलौने 20 देशों में भी एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। जबकि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद सहित अन्य कुछ शहरों में भी इन खिलौनों को भेजा जाता है। खिलौना निर्माण से जुड़े लोगों की मानें तो केन्द्र सरकार ने जब चाइना से इम्पोर्ट पर कई तरह के प्रतिबंध लगाना शुरू किए तो इंदौर के कन्फेक्शनरी उद्योग से जुड़े व्यापारियों ने चाइना से टेक्नोलॉजी लाकर खुद ही टॉय प्रोडक्शन प्रारंभ कर दिया।

मप्र सरकार कर रही मदद

मध्यप्रदेश में अगर कोई नई खिलौना फैक्ट्री लगाता है तो उसे 60 फीसदी सब्सिडी सरकार द्वारा मिलेगी। महिलाओं के लिए यह सब्सिडी 68 फीसदी है। सरकार और एमपीईबी खिलौना निर्माण इकाइयों को बिजली बिल पर 2 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है। एमपी सरकार ने टॉय इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए प्रति फैक्ट्री 200 वर्कर तक का प्रतिमाह 5 हजार रुपए तक का स्टायपेंड देने का निर्णय लिया है। इंडस्ट्री को लेकर ईको सिस्टम और सरकार की फ्रेंडली अप्रोच इंदौर के खिलौना निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है।

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