- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- इंदौर
- /
- 19 साल की युवती ने 15...
19 साल की युवती ने 15 साल के लड़के से जबरन बनाए शारीरिक संबंध, फिर हुआ बड़ा कांड
विधवा महिला से दोस्ती कर बनाए शारीरिक संबंध
यौन शोषण के मामले में आवश्यक नहीं है कि केवल पुरुष ही दोषी हो। कई बार देखा गया है कि महिलाएं भी दोषी होती है। यह बातें न्यायालय ने अपने फैसले के दौरान कही हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का सामने आया है जहां एक 19 वर्ष की युवती ने 15 वर्ष के नाबालिक लड़के के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। यह मामला तब खुल गया जब लड़के की मां ने पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करवाई कि दूध लेने गया उसका पुत्र लौट कर नहीं आया। जांच के बाद सारा मामला खुलकर सामने आ गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार बाणगंगा पुलिस थाने इंदौर की रहने वाली एक 19 वर्ष की युवती ने 15 वर्ष के लड़के को अपने साथ भागा ले गई और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बताया जाता है कि 5 नवंबर को बाणगंगा थाने में आकर एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई की खीर बनाने के लिए बाजार दूध लेने गया उसका 15 वर्ष का पुत्र वापस नहीं आया है। महिला ने आशंका जताई कि किसी ने उसे बहला-फुसलाकर साथ ले गया होगा।
थाने में इस मामले की रिपोर्ट लिखी गई और पुलिस जांच में जुट गई। जांच के बाद पता चला कि युवक एक 19 वर्षीय युवती अपने साथ गुजरात ले गई है। पुलिस ने दबिश देकर युवती और नाबालिक लड़के को बरामद कर लिया। लेकिन इसके बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
युवती ने बनाए शारीरिक संबंध
लड़के ने बताया कि राजस्थान निवासी 19 वर्षीय युवती उसे घुमाने के लिए कह कर गुजरात ले गई। साथ ही उसने बताया कि लड़की ने कई बार उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। यहां तक कि लड़के का मोबाइल लेकर रख लिया जिससे वह अपने घर वालों से बात न कर सके। वही लड़के ने बताया कि उसकी नौकरी एक टाइल्स फैक्ट्री में लगवा दी गई थी।
न्यायालय ने दिया हम फैसला
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर पास्को एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। विशेष न्यायालय ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए पास्को एक्ट के तहत युवती को 10 वर्ष का कठोर कारावास तथा 3000 के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि पास्को एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी हो महिलाओं को भी पास्को एक्ट के तहत दंडित किया जा सकता है। पीड़ित को 50000 रुपए प्रतिकर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा की गई है।