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Honeybee Venom Treats Breast Cancer: मधुमक्खी का विष ब्रेस्ट कैंसर के 100% सेल्स को ख़त्म कर सकता है
Honeybee Venom Can Kill 100% of Breast Cancer Cells: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में दुनियाभर की 2.3 मिलियन महिलाओं मैं स्तन कैंसर (Brest Cancer) बीमारी का होना पाया गया था, जिनमे से 6 लाख 85 हज़ार महिलाओं की इस जानलेवा बीमारी ने जान लेली थी. भारत में ब्रेस्ट कैंसर के हर साल लाखों मामले सामने आते हैं और हज़ारों की जान चली जाती है. जिनके पास इलाज के लिए पैसे हैं उन्हें तो ट्रीटमेंट मिल जाता है लेकिन गरीब और मध्यमवर्गीय महिलाओं को यह बीमारी अंदर से खोखला कर देती है।
वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, रिसर्च में पता चला है कि मधुमक्खी के डंक में रहने वाले विष (Venom) के जरिये 100% ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स को नष्ट किया जा सकता है। Herry Perkins Institute Of Medical Reserch के वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की है। Nature Precision Oncology में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार हनीबी के वेनम में कुछ ऐसे कम्पाउंड होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स से लड़ते हैं और उन्हें 100% तक ख़त्म करने की क्षमता रखते हैं।
ज़हर से कैसे सेल्स मरेंगे
पहली बात जहर और विष में फर्क होता है, हिंदी में थोड़ा मामला गड़बड़ा जाता है लेकिन इंग्लिस में Venom अलग होता है और Poison अलग होता है, सांप, बिच्छू, मधुमक्खी में जो विषहोता है उसे Venom कहा जाता है। जो सिर्फ घातक बस नहीं होता बल्कि इनका इस्तेमाल दवा बानने में किया जाता है। मधुमक्खी का वेनम हार्मफुल नहीं होता बल्कि नर्वस सिस्टम से जुडी बिमारियों में इलाज के काम में लिया जाता है. मधुमक्खी सिर्फ शहद देने के काम नहीं आती बल्कि किसी की जान भी बचाती हैं.
दो तरह की मक्खियों के वेनम की टेस्टिंग हुई
पहले बरैइया (Bumblebees) और मधुमक्खी (Honeybee) के वेनोम की टेस्टिंग हुई जिसमे बरैया का विष कैंसर के सेल्स से नहीं लड़ सका जबकि मधुमक्खी में पाए जाने वाले वेनम कारगार साबित हुआ. मधुमक्खियों को पहले कार्बनडाईऑक्ससाइड से सुला दिया गया और उन्हें फ्रीज कर दिया गया. इसके बाद उनके पेट में मौजूद वेनम को निकाल लिया गया।
परीक्षण में पता चला कि मधुमक्खी का वेनम ब्रेस्ट कैंसर सेल्स से लड़ता है और इसे खत्म कर देता है। जब कैंसर जैसी बीमारी का उपचार होता है तो दवाइयां हेल्दी सेल्स को भी नष्ट कर देती हैं लेकिन मधुमक्खी के वेनम के साथ ऐसा नहीं हुआ. हालांकि दवाइयों की तुलना में इस वेनम ने काफी कम मात्रा में हेल्दी सेल्स पर प्रभाव डाला।
अभी बहुत सा काम बाकी है
रिसर्चर Doc. Duffy का कहना है कि यह जानने के लिए मैं बहुत उत्सुक हूं कि तब क्या होगा जब कीमोथेरिपी (chemotherapy) में भी इस वेनम का इस्तेमाल किया जाएगा "हमने पाया कि मेलिटिन (melittin) का उपयोग छोटे अणुओं या कीमोथेरपी के साथ किया जा सकता है, जैसे कि डोकेटेक्सेल, अत्यधिक आक्रामक प्रकार के स्तन कैंसर का इलाज करने के लिए। मेलिटिन और डोकेटेक्सेल का संयोजन चूहों में ट्यूमर के विकास को कम करने में बेहद प्रभावी था'