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अगर है यह परेशानी तो हो सकती है अर्थराइटिस की बीमारी, इसे अनदेखा न करें
Arthritis Disease In Hindi: आमतौर पर बुढ़ापे में होने वाली अर्थराइटिस की बीमारी के संबंध में अब डॉक्टरों का कहना है कि यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। ऐसे में जोड़ों में होने वाले दर्द को अनदेखा करने के बजाए इस पर गंभीरता से विचार करते हुए चिकित्सक की सलाह लें। जोड़ों में होने वाला प्रारंभिक दर्द अर्थराइटिस की ओर इशारा करता है। चिकित्सकों की सलाह है कि अगर इसका इलाज प्रारंभिक स्तर पर कर लिया जाए तो बीमारी से निजात मिल सकती है।
क्या है अर्थराइटिस (Arthritis Disease)
अर्थराइटिस के संबंध में चिकित्सकों का मानना है कि यह गठिया बात है। जो पूर्व के समय में बुढ़ापे के समय हुआ करता था। लेकिन आज हालत यह है कि बुढ़ापा आने के पहले ही गठिया बात अर्थराइटिस के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। हालांकि चिकित्सकों का यह भी मानना है कि कई बार जोड़ों में दर्द अर्थराइटिस नहीं होता। इसके संबंध में बताया गया है कि पोषक तत्वों की शरीर में कमी हो जाने की वजह से अर्थराइटिस जैसे लक्षण जोड़ों में दिखाई देते हैं।
क्या है अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण
चिकित्सकों की मानें तो अर्थराइटिस दो प्रकार के होते हैं ओस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस। कहा गया है कि ओस्टियोआर्थराइटिस मैं जोड़ों में दर्द होने का कारण हड्डी के अंतिम परत को ढकने वाले टिश्यू खत्म होने लगते हैं। जोड़ों में उठते और बैठते समय दर्द महसूस होता है। वहीं कहा गया है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस में हड्डियों में दर्द होने का कारण इम्यून सिस्टम है। कहां गया है कि इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से जोड़ों पर दूर हो जाता है। यह दर्द हड्डियों के दोनों जोर की परत के शुरुआती सीरियल से होती है।
चिकित्सक से लें सलाह
अर्थराइटिस के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही जोड़ों से दर्द की शुरुआत हो चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए। अन्यथा दर्द निवारक दवाएं इसका संपूर्ण हल नहीं है। चिकित्सक परीक्षण के पश्चात निश्चित करता है कि रोगी को कौन सी अर्थराइटिस है। इसके आधार पर बेहतर इलाज संभव हो सकेगा।