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एमपी के ग्वालियर में मानवता शर्मसार, शव ले जाने नहीं मिली एम्बुलेंस तो ई-रिक्शा में लादकर ले गए
मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। अस्पताल में एक व्यक्ति के दम तोड़ने के बाद परिजनों द्वारा एम्बुलेंस की मांग की गई। परिजनों का कहना है कि उन्हें एम्बुलेंस सुविधा मुहैया नहीं कराई गई जिससे मजबूरी में वह शव को ई-रिक्शा में लादकर ले गए। किंतु रास्ते में राहगीरों ने इसका वीडियो बना लिया और इसे वायरल कर दिया।
सोशल मीडिया में वीडियो वायरल
ग्वालियर में युवक को अस्पताल में एम्बुलेंस न मिलने के कारण अपने परिजन का शव ई-रिक्शा में ले जाना पड़ा। जब शव को परिजन रिक्शा में रखकर ले जा रहे थे तब राहगीरों ने परिजनों से पूछा कि उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली तो उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस मांगी गई किंतु उन्हें उपलब्ध नहीं करवाई गई। राहगीरों ने शव रिक्शा से ले जाने का वीडियो मोबाइल में बना लिया। जिसके बाद इसको सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इस मामले में जिला कलेक्टर का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। यहां पर बता दें कि ग्वालियर के अस्पतालों में आए दिन इस तरह की लापरवाही सामने आती रहती हैं। एक बार फिर इसी तरह की लापरवाही सामने आई है।
कलेक्ट्रेट से यूनिवर्सिटी के बीच का है वीडियो
अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं मिलने से शव को ई-रिक्शा में ले जाने का वीडियो राहगीरों द्वारा बना लिया गया है। बताया गया है कि यह वीडियो ग्वालियर के कलेक्टर से लेकर यूनिवर्सिटी के बीच का है। लोगों का कहना है कि चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में एम्बुलेंस संचालकों का एक बड़ा रैकेट चलता है। जिनके द्वारा मरीजों के परिजनों से मनमानी पैसा वसूला जाता है। लोगों की मानें तो जो गरीब अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं उनको दोगुने दाम पर एम्बुलेंस मुहैया करवाई जाती है। इस संबंध में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि यह घटना उनकी जानकारी में नहीं है। वीडियो आने के बाद इस घटना का पता लगाया जा रहा है। यदि इसमें कोई भी दोषी मिलता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।