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MP में सरकारी सिस्टम को भी वैक्सीन की जरूरत! 940 लोगों को लगना था कोरोना का टीका, लेकिन सभी का मोबाइल नंबर एक ही था...
दुनिया कोरोना के खिलाफ अपने अपने तरीके से जंग लड़ रही है. भारत भी कोरोना को मात देने में जुटा हैं. बस यहाँ मध्यप्रदेश ही ऐसा है जिसके सरकारी सिस्टम को कोरोना से पहले सही तरीके से काम करने का वैक्सीन लगना चाहिए. हाल ही में मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में सरकारी सिस्टम एक नया खुलासा हुआ है. यहाँ 940 लोगों को कोरोना का टीका लगना था, लेकिन सभी के मोबाइल नंबर एक ही थें. जिसके चलते किसी को भी कोरोना का टीका नहीं लग पाया.
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले फ्रंट वर्कर्स की एक लिस्ट से खुलासा हुआ है कि लिस्ट में 940 लोगों के नाम के सामने जो मोबाइल नंबर दिए हुए हैं, वे एक ही मोबाइल नंबर हैं. ये 940 लोग वे लोग हैं जिन्हे कोरोना का टीका लगाया जाना था. लेकिन इनसे सम्पर्क न हो सका.
मामला ग्वालियर के जयारोग्य हॉस्पिटल (JAH) सेंटर का है. इस सेंटर के 7 बूथों पर दिन भर में एक भी फ्रंटलाइन वर्कर को टीका नहीं लग सका. 10 लोग पहुंचे भी थे, लेकिन रिकॉर्ड में उनका नंबर नहीं मिल पाने की वजह से वेरिफिकेशन नहीं हो पाया.
जिसका मोबाइल नंबर दर्ज है वह लिस्ट में ही नहीं
यही नहीं, जिसका मोबाइल नंबर 940 लोगों के नाम के सामने दर्ज है. वह खुद भी इस लिस्ट में नहीं है. वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में ग्वालियर के एक सेंटर पर सोमवार को 940 फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाना था, लेकिन इन सभी के नाम के आगे एक ही मोबाइल नंबर (9977461031) लिखा था. यह नंबर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के बाबू राजेश सक्सेना का है. उनका इस लिस्ट में नाम ही नहीं था. फिर भी उनका नंबर सभी के नामों के सामने दर्ज किया गया है.
जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा, 'पता नहीं मेरा यह नंबर सभी के नाम के साथ जुड़ गया, जबकि मेरा तो वैक्सीन लगवाने वालों में नाम तक नहीं है. मुझे सोमवार दोपहर JAH से फोन आया था. डॉक्टर ने बताया कि सभी के नाम पर आपका नंबर है. उन्होंने लिस्ट भेजी और पूछा भी था कि किसी को जानते हो, लेकिन सिर्फ नाम से मैं किसी को नहीं पहचान सका.'
अफसर बोले- नई लिस्ट जारी कर वैक्सीन लगवाना प्रायरिटी
इस मामले में जब टीकाकरण अधिकारी डॉ. आर के गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लिस्ट भोपाल से मिलती है, लेकिन यह लिस्ट नगर निगम से ही किसी ने बनाकर भोपाल भेजी होगी. लापरवाही तो हुई है, लेकिन अब देखना है कि किस स्तर पर हुई है. इसकी जांच कराई जा रही है. अभी तो प्रायरिटी यह है कि तुरंत नई लिस्ट निकाली जाए, ताकि फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लग सकें.