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एमपी ग्वालियर में प्रारंभ हुई पांच करोड़ लागत की डीएनए लैब, हर माह सौ सेम्पलों की होगी जांच
हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों से जुड़े डीएनए सैंपलों की जांच अब ग्वालियर की रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब में ही हो सकेगी। ग्वालियर में डीएनए लैब प्रारंभ हो जाने से ग्वालियर-चंबल अंचल के अन्य शहरों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। अभी तक डीएनए टेस्ट के लिए सैंपलों को सागर लैब भेजा जाता था किंतु अब यह सुविधा ग्वालियर में भी प्रारंभ कर दी गई है।
पीड़ितों को जल्द मिलेगा न्याय
ग्वालियर में रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब का शुभारंभ शनिवार को प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह डीएनए लैब अपराधियों तक पहुंचने, अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने के साथ ही पड़ित को न्याय दिलाने में कारगर होगी। लगातार बढ़ते दुष्कर्म व अन्य गंभीर मामलों में डीएनए टेस्ट निर्णायक साबित होता है। किंतु ग्वालियर सहित पूरे अंचल से डीएनए सैंपल सागर फोरेंसिक लैब भेजे जाते थे। ग्वालियर में डीएनए लैब की काफी समय से मांग भी की जा रही थी।
रिपोर्ट आने में लग जाता था ज्यादा समय
अभी तक डीएन सैंपल जांच के लिए सागर फोरेंसिक लैब भेजे जाते थे। पूरे प्रदेश के सैंपल की जांच यहीं होती थी जिससे रिपोर्ट आने में पांच से छह माह का वक्त लग जाता था। रिपोर्ट आने में ज्यादा समय लग जाने के कारण कई बार अपराधी को कोर्ट से उसका फायदा मिल जाता था। किन्तु ग्वालियर में भी डीएनए लैब खुल जाने से अब जांच में आसानी के साथ ही रिपोर्ट में भी कम समय लगेगा। ग्वालियर में डीएनए लैब को प्रारंभ करने में पांच करोड़ रुपए लागत आई। यहां दो करोड़ रुपए की जेमेटिक एनालाइजर मशीन है और 45-45 लाख रुपए की दो आरटीपीसीआर मशीन के साथ ही सात-सात लाख की तीन पीसीआर मशीन सहित अन्य मशीनें शामिल हैं।
रीवा व रतलाम में भी खुलेगी डीएनए लैब
ग्वालियर में डीएनए लैब खुल जाने से ग्वालियर-चंबल के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। यहां पर हर माह सौ और वर्ष में 1200 से 1500 मामले डीएनए रिपोर्ट के हो सकेंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह प्रदेश में चौथी डीएनए लैब है। अगले कुछ दिनों में जबलपुर में डीएन लैब खुलने जा रही है। जिसके बाद रीवा और रतलाम में भी डीएनए लैब खुलेंगी। इन स्थानों पर डीएनए लैब खुल जाने के बाद सागर फोरेंसिक लैब का लोड कम हो सकेगा। इसके साथ ही डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट भी जल्द मिल जाएगी जिससे कोर्ट में आरोपी को कड़ी सजा भी दिलाई जा सकेगी।