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रीवा, सतना समेत 9 जिलों के 44 मजदूर बसों से घर भेजे गए
रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, सिंगरौली, दतिया , शिवपुरी, ग्वालियर, और डिंडोरी जिले के 44 मजदूर घर गए
खंडवा. कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को शासन की पहल के बाद उनके घर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई। 6 बसों से कई मजदूर खंडवा से रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, सिंगरौली, दतिया , शिवपुरी, ग्वालियर, और डिंडोरी भेजे गए। इस दौरान सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया गया। 9 जिलों के 44 और बिहार के 14 मजदूरों को सर्किट हाउस के पास बने हॉस्टल और हरसूद से रवाना किया। ये वाहन प्रदेश के मजदूरों को उनके घर और बिहार के लोगों को प्रदेश की सीमा तक छोड़ेंगे, ताकि वे आसानी से अपने निवास तक पहुंच जाएं। इस दौरान सतना के एक मजदूर परिवार को पंधाना विधायक ने फल देकर बस से रवाना किया।
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लॉकडाउन लागू होते ही प्रदेश और अन्य राज्यों के मजदूर रेलवे ट्रैक और सड़क मार्ग से खंडवा शहर और जिले के अन्य क्षेत्रों से गुजर रहे हैं। गुरुवार रात 8 बजे पंधाना विधायक राम दांगोरे को गर्भवती महिला के औरंगाबाद से सतना पैदल जाने की खबर मिली। विधायक महिला और उसके परिजन से मिलने इंदिरा चाैक पहुंचे। यहां पर मजदूरों ने जब अपनी पीड़ा उन्हें बताई तो उन्होंने कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल और प्रवासी मजदूरों के परिवहन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी और संयुक्त कलेक्टर एसएल सिंघाड़े से फोन पर चर्चा की, लेकिन सटीक जवाब नहीं मिला। इससे नाराज विधायक ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही।
इधर, विधायक दांगोरे की नाराजगी के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। कुछ देर बाद ही मौके पर अधिकारी पहुंचे और गुरुवार सभी मजदूरों को सर्किट हाउस के पास ठहराया। इसके बाद उन्होंने मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था का प्रयास शुरू किया।
कलेक्टर बंगले और कार्यालय के पास से निकल रहे मजदूर
खंडवा शहर से हरसूद होकर अन्य जिलों और प्रदेश से बाहर जाने के लिए मुख्य सड़क कलेक्टर कार्यालय और उनके बंगले के पास से होकर गुजरती है। यहां से हर दिन कई मजदूर परिवार और बच्चों को साथ टूटी चप्पल, पैरों में छाले लेकर लंगड़ाते हुए निकलते हैं, लेकिन किसी ने आज तक इन मजदूरों के लिए खुद आकर आगे तक पहुंचाने की व्यवस्था की पहल नहीं की।
आरोप- कांग्रेसी मानसिकता से काम रहे हैं अफसर
विधायक दांगाेरे ने कहा- कलेक्टर की प्रशासनिक पकड़ अपने ही अधिकारियों पर नहीं है। सीएम ने मौखिक रूप से पहले ही सभी अधिकारियों को मजदूरों के लिए परिवहन व्यवस्था के निर्देश दिए थे। यहां के अधिकारियों को भी पहले ही व्यवस्था करनी चाहिए थी। कांग्रेसी मानसिकता के अधिकारी हैं जो कांग्रेस के नेताओं के इशारों पर काम कर रहे हैं। जिसके कारण शहर में कोरोना मरीज की मौत का सिलसिला शुरू हुआ।
हरसूद और खंडवा से मजदूरों को लेकर बस और जीप रवाना
3 बस और 1 तूफान वाहन खंडवा और 2 बसें हरसूद से रवाना हुईं। प्रवासी मजदूरों के परिवहन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी और संयुक्त कलेक्टर सिंघाड़े ने बताया कि सतना, शहडोल, सिंगरौली, दतिया , शिवपुरी, ग्वालियर, रीवा, डिंडोरी और सीधी जिले के कुल 44 मजदूर और बिहार के 14 मजदूरों को उनके घर प्रदेश की सीमा तक विशेष वाहनों से पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।