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Yasin Malik: जिसने कश्मीरी हिन्दुओं को आतंकित किया उसे कांग्रेस ने नेता बनाया और इंडिया टुडे ने यूथ फेस
Yasin Malik: कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने के बाद कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार और पलायन के बारे में लोगों ने अब जाना है, इस घटना को 32 साल बीत चुके हैं. जितनी टीवी डीबेट और दोषारोपण अब हो रहे हैं यह उस वक़्त क्यों नहीं हुए? जब इस्लामिक आतंकी कश्मीरी हिन्दुओ के गले काट रहे थे तब तो कोई मगरमच्छ के आंसू बहाने वाले भी नज़र नहीं आए थे और आज लोग गला फाड़-फाड़ कर न्याय की बात कर रहे हैं.
जो इंडिया टुडे आज कश्मीरी पंडितों को बुलाकर, उन्हें टीवी शो में रुला कर TRP बटोर रहा है उसी इंडिया टुडे ग्रुप ने साल 2008 में कश्मीरी हिन्दुओं को आतंकित करने वाले यासीन मालिक को यूथ फेस मतलब देश का युवा चेहरा घोषित किया था.
यासीन मालिक कौन है
एक इस्लामिक आतंकवादी जो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार था, वह कोई और नहीं बल्कि खूंखार पाकिस्तानी हमदर्द यासीन मलिक है। आज हम आपको इसका पूरा इतिहास बता देते हैं (History Of Yasin Malik)
पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का पूर्व अध्यक्ष 'यासीन मलिक' (Yasin Malik) पर कश्मीर में आतंकवाद को फंडिंग करने का आरोप है। उसे भारत की धरती पर फंडिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, वह पूर्व मुख्यमंत्री और बाद में गृह मंत्री मुफ्ती सईद (Mufti Sayeed) की बेटी रुबैया सईद (Rubaiya Saeed) के अपहरण के लिए भी कथित रूप से जिम्मेदार है।
यासीन मलिक पर जनवरी 1990 में इंडियन एयर फ़ोर्स के चार अधिकारियों की हत्या का भी आरोप है। स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भारतीय वायु सेना के उन चार कर्मियों में से एक थे जिन्हें यासीन मलिक और अन्य जेकेएलएफ आतंकवादियों ने मार दिया था, जो संत नगर क्रॉसिंग पर सवार होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बसें। 25 जनवरी 1990 को हुई इस घटना में मलिक के नेतृत्व में हुई गोलीबारी में एक महिला अधिकारी समेत 40 जवान घायल हो गए थे।
यासीन मलिक ने कश्मीर से कश्मीरी हिन्दुओं के पलायन के वक़्त इस्लामिक आतंकवाद का नेतृत्व किया था, कश्मीर के हिन्दुओं के आज जो हालात हैं उसका एक दोषी यासीन मलिक भी है।
उस वक़्त के मीडिया ने मलिक को कश्मीर का मसीहा बना दिया था
यासीन मलिक ने पूर्व रक्षा मंत्री की बेटी का अपरहरण, उसके बदले 5 आतंकियों की रिहाई, एयर फ़ोर्स अफसरों की हत्या, कश्मीरी हिन्दुओं का पलायन, नरसंहार जैसे आरोप लगने के बाद भी भारतीय वामपंथी-उदारवादी मीडिया ने उसे कश्मीर का मसीहा बना दिया था. मीडिया ने यासीन मलिक के चेहरे में लगे खून के धब्बों को धोने का काम किया था.
India Today called Yasin Malik a youth face
साल 2008 में India Today Group जिसका चैनल 'आजतक' है उसी मीडिया ग्रुप ने यासीन मलिक को अपने शो में खास गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया था. खुद को राष्ट्रवादी चैनल कहने वाले मीडिया ग्रुप ने एक आतंकी एक हत्यारे को आमंत्रित किया था. इंडिया टुडे ने उस आतंकी को देश की जनता के सामने 'यूथ फेस' के रूप में प्रदर्शित किया था. उस दिन वह आतंकी मलिक राष्ट्रीय चैनल में अपने अलगाववादी अजेंडे को देश के सामने परोस रहा था।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने गजब कर दिया था
यासीन मलिक को इतना बड़ा नेता और कश्मीर का रखवाला बना दिया गया था कि इस आतंकी की पहुंच देश के पीएम आवास तक पहुंच गई थी. साल 2006 में यासीन मलिक देश के प्रधानमंत्री आवास में आमंत्रित किया गया था. और इसने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को गिफ्ट भी दिया था. मनमोहन सिंह इस आतंकी से ऐसे मिले थे जैसे इसने देश के लिए बलिदान दिया हो लेकिन सच्चाई क्या है ये सभी जानते थे. कांग्रेस ने ये सब सिर्फ कश्मीर में अपनी सरकार बनाने के मकसद से किया था। कम बोलने के लिए प्रसिद्द डॉ मनमोहन सिंह ने यासिन मलिक से मिलकर खूब गप्पे लड़ाई थीं.
Watch terrorist Yasin Malik laugh away and admit to killing four unarmed Indian Air Force men in Kashmir.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 13, 2022
Why has Government of India failed to begin trial against him and send him to the gallows?
Who has been helping Yasin Malik escape all these years?@narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/2d0rHJcIZg
विदेशी मीडिया ने आतंकी यासीन मलिक को हीरो बना दिया था. BCC ने यासीन को प्लेटफॉर्म दिया, जहां उसने मीडिया के सामने कश्मीर के हिन्दू जज नीलकंठ गंजो (Neelkanth Ganjoo) की सरेआम हत्या करने की बात को स्वीकार किया था.
नीलकंठ गंजो को JKLF के आतंकियों ने इसी लिए मारा था क्योंकि उन्होंने आतंकी मकबूल भट्ट को सजा-ए-मौत दी थी. यह वही मकबूल भट्ट था जिसने आजाद कश्मीर जनमत मोर्चा की शुरआत की थी. और कई सरकारी अधिकारीयों की हत्या की थी. इसी इंटरव्यू में यासीन ने चार एयर फ़ोर्स अधिकारीयों की हत्या की बात में ठहाके मारे थे और हत्या के आरोपों को स्वीकार किया था।
NDTV ने भी इसे हीरो बना दिया था
रविश कुमार जिसे बहुत से लोग ईमानदार देशभक्त पत्रकार कहते हैं उसी जर्नलिस्ट ने एक बार इस आतंकी को यासीन साहब से सम्बोधित किया था. रवीश कुमार ने आतंकवादी यासीन मलिक को फोन किया था, जो उस समय लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद से मिलने और बधाई देने के लिए पाकिस्तान की यात्रा पर था। शो के दौरान बीजेपी ने यासीन मलिक जैसे आतंकियों को बुलाने पर आपत्ति जताई थी
जब यासीन मलिक गिरफ्तार हुआ था तब फारूक अब्दुल्ला ने उसी रिहाई मांगी थी
साल 2019 में यासीन मलिक को जम्मू-कश्मीर में हवाला लेनदेन और अलगाववादी-आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग करने के आरोप में सेना ने गिरफ्तार किया था तब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने उसकी रिहाई की मांग की थी. उसने यासीन मलिक को सलाम किया था क्योंकि पाकिस्तानी समर्थक JKLF के अध्यक्ष मलिक़ ने दिल्ली के सामने झुकने से इंकार कर दिया था।
इतना ही नहीं महबूबा मुफ़्ती और अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी यासीन मलिक को NIA की हिरासत से रिहा करने की मांग उठाई थी.
Arundhati Roy with Yasin Malik (अरुंधति रॉय के साथ यासीन मलिक)
भारत के खिलाफ बातें करने वाली पत्रकार अरुंधति रॉय और यासीन मलिक के बीच क्या संबंध थे आप इस फोटो को देखकर अंजादा लगा सकते हैं, अरुंधति रॉय कश्मीरी यूथ को देश के खिलाफ बरगलाने का काम करती थी. ये वही पत्रकार हैं जो कहते थे कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं हो सकता।
आपको इस पोस्ट के पढ़ने के बाद भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है तो कुछ नहीं किया जा सकता, बात बीजेपी कांग्रेस, हिन्दू-मुसलमान की नहीं है। बात है भारत देश की और यासीन मालिक और इससे दोस्ती रखने वाले लोगों की. जो दिल्ली में बैठकर आतंकियों को पनाह देते थे, उन्हें हीरो कहते थे.