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भारत में गांजा बैन क्यों है? अमेरिका में अब माल फूकना गैरकानूनी नहीं है!
भारत में गांजा क्यों बैन है: गांजा/वीड/हेम्प/ मरुआना ये ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही तथाकथित सभ्य समाज ऐसे मुंह सिकोड़ता है जैसे उनकी नाक में मक्खी बैठ गई हो. घर वालों के सामने कोई 'गांजा' शब्द बोल दे तो पेरेंट्स पराया मान लेते हैं. गांजा पीने वाले शख्स के माथे में चरसी, गंजेड़ी का ठप्पा लग जाता है. उसे एकदम नाकारा समझ लिया जाता है.
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका की जेलों में जिन लोगों को गांजा रखने और पीने के जुर्म में जेल में बंद किया गया था, उन्हें रिहा कर दिया जाए. क्योंकी गांजा पीना और रखना कहीं से भी जुर्म नहीं है और इस कानून ने लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद की है.
दुनिया के कई देशों में गांजा लीगल है और उन देशों की सरकार की आय का बढ़ा साधन है. एक जमाना था जब भारत में भी वीड/ गांजा ठेके में बिकता था जैसे आज शराब और भांग बिकती है. लेकिन यूनाइटेड नेशन और अमेरिका ने पूरी दुनिया के साथ बड़ी चालाकी के साथ एक चाल चली. भारत सहित कई देशों में गांजे को सिंथेटिक ड्रग्स बता कर इसे बैन करवा दिया और खुद अपने देश के राज्यों में इसे लीगल कर अरबों डॉलर की कमाई करने लगा.
ऐसा क्या हुआ कि भारत में गांजे को बैन करना पड़ा, क्या गांजा सिंथेटिक ड्रग है (Is Marijuana a synthetic drug) और दुनिया के दिन देशों में गांजा लीगल है आइये सब जानते हैं.
भारत में गांजे का इतिहास
History Of Marijuana In India: बात है साल 1985 की जब देश के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी हुआ करते थे तबतक भारत में गांजे से बहुत असरदार दवाइयां भी बनती थीं। गांजा कोई नशे भर का साधन नहीं था पौराणिक धर्म ग्रंथों में गांजा को सबसे बढ़िया औषधीय पौधा बताया गया है। खैर अब आते हैं इतिहास में, तो सबसे पहले UN मतलब यूनाइटेड नेशन ने साल 1961 में गांजे को सिंथेटिक ड्रग्स की केटेगिरी में शामिल कर दिया और भारत से कहा की भाई तुम इसको बैन करों, लेकिन भारत ने तब UN की बात नहीं मानी। मामला सिर्फ दवाई बनाने का नहीं हिन्दू आस्था का भी था। हिन्दू धर्म में गांजे और भांग को लेकर लोग धार्मिक रूप से इमोशनली अटैच थे। फिर 1885 में UN ने बहुत दबाव बनाया अंत में आकर राजीव गाँधी की ने इसे सिंथेटिक ड्रग की श्रेणी का मान लिया और बैन कर दिया। और गांजा बाजार में बेचना अवैध हो गया।
क्या गांजा सिंथेटिक ड्रग है?
सिंथेटिक ड्रग उसे कहते हैं जो लेब में कैमिकल का इस्तेमाल करके सिर्फ नशे के लिए बनाया जाता जाता है। गांजा किसी लेब में नहीं बनता। ये एक पौधा है जो बीज डालने पर मिट्टी और पानी से उगता है , इस तरह तो आम अमरुद , लीची वो हर चीज़ जो मिटटी में बीज डालने से बनती है सिंथेटिक हो गई क्या ? लेकिन UN ने गांजे को सिंथेटिक ड्रग करार कर दिया। ऐसा लगता है UN में बैठे लोगों ने खुद ही 4 5 कश मारने के बाद इसे सिंथेटिक ड्रग की श्रेणी में डाला था।
क्या अमेरिका में गांजा लीगल है
Is Marijuana Legal In USA: यही तो असली खेला हुआ भारत के साथ, UN ने तो बैन करने को बोल दिया लेकिन खुद अमेरिका ने बाद में इसे लीगल कर दिया। वहां के 27 राज्यों में गांजे से कैंसर जैसी बीमरी की दवाई बनाई जाती है. हाँ भाई कैंसर की दवाई में गांजे का भी इस्तेमाल होता है। और वही महंगी दवाइयां भारत खरीदता भी है। अमेरिका छोड़ो दुनिया के 40 देशों में गांजा लीगल है। अमेरिका में गांजा छुप छुपा कर नहीं बेचा जाता वहां तो वेंडिंग मशीन में भी गांजे की बिक्री होती है। और सालाना सरकार को अरबों रूपए का मुनाफा होता है। कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए अमेरिकी राज्यों ने कहीं-कहीं तो वैक्सीन लगवाने पर लोगों को मुफ्त में गांजा भी बांटा है। की लो भाई घर में पड़े पड़े भंड रहो लेकिन वैक्सीन लगवा लो
गांजा बैन क्यों हुआ
ऐसा कहते हैं दवा बनाने वाली कंपनियों, तम्बाखू और शराब कंपनियों के दवाब के कारण इसे बैन किया गया. क्योंकी गांजा लीगल होता तो लोग दारु पीकर गाड़ी नहीं ठोकते, तम्बाखू का कंसम्पशन कम होता तो सरकार को टैक्स कहां से मिलता? लोग माल फुक कर बीमारी ठीक कर लेते तो दवाई क्यों बनती? एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से यूएस में गांजा लीगल हुआ तब से वहां शराब के सेवन में 17% की कमी आई.
गांजा और भांग में क्या फर्क है
What is the difference Marijuana and Bhang: भांग और गांजा एक ही पौधे से बनता है। फिर भी गांजा पीना एक टेबू ( Taboo ) है और भांग पीना मजा है। क्यों भाई ऐसी नाइंसाफी क्यों ? इसका जवाब है कि जब UN ने बोला चलो बैन करो गांजा तो भारत ने सरकार ने कहा ठीक है हम गांजा तो बैन किए दे रहे हैं लेकिन भांग नहीं बैन करेगें चाहे जो करना है कर लो। क्योंकि भांग हिन्दू संस्कृति का अहम हिस्सा है यहाँ के सन्यासियों से लेकर आम लोग तीज त्यौहार में इसे खा कर सारारारा गाने में डांस करते हैं। और ये हमारे भगवान को प्रसाद के रूप में चढ़ता है। तो UN ने थोड़ा बहुत नखरे दिखाए और बोला चलो ठीक है। इसी लिए गांजा बैन है और भांग लीगल।
गांजा पीने के नुकसान
शराब पिने से क्या फायदा है ? सिगरेट से कौन सा फेफड़ा मजबूत हो जाता है ? बल्कि यही तो कैंसर की जड़ है , पूरी दुनिया में मुँह और लीवर कैंसर के मरीज भारत में ही सबसे ज़्यादा मिलते हैं। लेकिन गांजा एक औषधीय पौधा है इसके कई फायदे हैं , एक तो 32 प्रकार के कैंसर की दवाई बनती है बाकी ज्वाइंडिस , डिस्प्रेशन, Anxiety , भूख ना लगना , शरीर दर्द , हड्डियों के जोड़ों में दर्द का इलाज करने में यह इस्तेमाल किया जाता है। अब नफा नुकसान भी जान लो लगातार गांजा पिने से इंसान का नर्वस सिस्टम एक समय के बाद बिगड़ जाता है, जो सिगरेट और अल्कोहल पीने से भी होता है. और ज़्यादा पीने पर इंसान बावला हो जाता है। किसी भी चीज़ का अधिक मात्रा में सेवन करने पर वो ज़हर ही बन जाता है। अगर आप दिन में ज़रूरत से ज़्यादा पानी भी पी लेंगे तो दिक्क्त होने लगेगी।
तो पीने मत लग जाना
इस आर्टिकल का अर्थ ये नहीं है की गांजा बड़ा अच्छा है इसको पीना चालू कर दो , भारत में जो कानून बना है उसका पालन करना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है। यहाँ weed बैन है तो ना इसे खरीदों ना पियों बात ख़तम। आर्टिकल का मतलब सिर्फ गांजे के बैन होने का कारण बताना है. पीना मत शुरू कर देना। और वैसे भी गांजा तो बैन है कहीं मिलता ही नहीं