- Home
- /
- General Knowledge
- /
- गर्मी के मौसम में मटके...
गर्मी के मौसम में मटके का पानी ठंडा क्यों रहता है? जवाब यहां मिलेगा
मटके का पानी ठंडा क्यों होता है: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, अब घर के नौजवानों को मम्मी-पापा दो काम सौंप देते हैं, पुराने कूलर की मरम्मत करना और बाजार से नया मटका लेकर आना, वैसे ज़्यादातर लोग फ्रिज में रखे ठन्डे पानी से ही अपने गले को तर करना अच्छा मानते हैं लेकिन गर्मी में दिनों में मटके के पानी से अच्छा कुछ नहीं माना जाता।
फ्रिज में पानी ठंडा होता है ये तो सब जानते हैं लेकिन मटके में तो कोई कूलिंग मशीन नहीं होती, तो फिर मटके का पानी ठंडा कैसे हो जाता है? मटके को कुदरती फ्रिज कहना गलत नहीं होगा लेकिन इसमें न तो कोई टेक्नोलॉजी है न कोई कूलिंग गैस है और ना ही इसे चलाने के लिए बिजली लगती है. भले ही मटके में कोई तकनीक का इस्तेमाल नहीं होता है मगर इसके पानी के ठंडा कर देने की प्रक्रिया में वैज्ञानिकता बहुत है.
मटके का पानी ठंडा कैसे हो जाता है
विज्ञान में एक शब्द है वाष्प और वाष्प से बना है वाष्पीकरण जिसे अंग्रेजी में Evaporation कहते हैं. यानी किसी द्रव्य का वाष्प में बदल जाना। मटके में रखा हुआ पानी भी वाष्पीकरण के चलते ठंडा होता है.
मिटटी से बने मटके में शुक्ष्म छिद्र होते हैं, इसी लिए इसमें वाष्पीकरण की प्रक्रिया सम्भव हो पाती है. मटका जितने तेज वाष्पीकरण करेगा उतना ठंडा पानी होगा।
अगर आप चिलचिलाती धुप में भी मटके में पानी भरकर रख देते हैं तो उसका पानी ठंडा ही रहता है, लेकिन अगर किसी धातु या प्लास्टिक में पानी भरकर रखते हैं तो गर्म हो जाता है. वजह यही है कि मिट्टी ठंडी प्रवित्ति की होती है और मटके के छिद्र पानी को वाष्प में बदलने में मदद करते हैं. पानी वाष्प में बदलकर फिर से पानी बनता रहता है.