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पतंग का आविष्कार किसने किया? अगर आप सोचते हैं कि वो Peter Lynn हैं तो आपकी जानकारी गलत है
History Of Kite: पतंग का अविष्कारक कौन है या पतंग का अविष्कार किसने किया? जब आप गूगल में ये सवाल सर्च करते हैं तो New Zealand के एक इंजीनियर 'Peter Lynn' (पीटर लीन) का नाम सामने आता है. 1946 में जन्में 77 साल के Peter Lynn को दुनिया 'Inventor Of Kite' मानती है. इतिहास के ताजा पन्नों में भी इसी इंजीनियर को पतंग के अविष्कार का श्रेय दिया जाता है. यह बिलकुल वैसा ही है जैसा न्यूटन को ग्रैविटी का खोजकर्ता कह दिया गया था, जैसे न्यूटन के सिर में सेब गिरने से पहले गुरुत्वाकर्षण बल जैसी कोई चीज़ ही नहीं थी.
सिंपल सी बात यह है कि अगर आज से 77 साल पहले पतंग बनना और उड़ना शुरू हुईं और पतंग का आविष्कार Peter Lynn ने किया तो आज से 5114BC पहले श्री राम ने अपने बचपन में क्या चीज़ आसमान में उड़ाई थी? जाहिर है Peter Lynn को दुनिया की सबसे बड़ी पतंग बनाने और उड़ाने पर Guinness Book Of Records में जगह मिली थी लेकिन क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पतंग का बिज़नेस शुरू किया सिर्फ इस लिए उन्हें इसका इन्वेंटर कहना गलत लगता है.
Peter Lynn नहीं तो कौन है पतंग का आविष्कारक?
If not Peter Lynn then who is the inventor of the kite?:कहा जाता है कि दुनिया की सबसे पहली पतंग को आज से 2,800 साल पहले चाइना में उड़ाया गया था. जिसका इन्वेंशन 500 BC में चाइनीज फिलॉस्फर Mozi and Lu Ban ने किया था. कहा जाता है कि पतंग उड़ाने का प्रचलन 549 AD से शुरू हुआ था. लेकिन यह तब मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि रेक्सयु मिशन में सन्देश भेजने के लिए इस्तेमाल की जाती थी.
कहा जाए तो ये कोई नहीं जानता कि असली में दुनिया की सबसे पहली पतंग का आविष्कार किसने किया और पहली बार पतंग किसने उड़ाई। जो चाइनीज फिलॉस्फर Mozi and Lu Ban आज से 500 BCE में पैदा हुए उनके बारे में जानने के बाद तो Peter lynn के पतंग का इन्वेंटर होने का दावा फेल हो जाता है. लेकिन भारत में ऐसे प्राचीनतम ग्रन्थ में पतंग का उल्लेख मिलता है जो Mozi and Lu Ban से भी हज़ारों साल पुराना है.
रामायण के बालकांड में पतंग का उल्लेख
वेदों की वैज्ञानिक रिसर्च करने के बाद पता चला है कि भगवान श्री राम का जन्म 5114 BC में हुआ था. रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी. वाल्मीकि रामायण को अवधि में ट्रांसलेट करने वाले गोस्मावी तुलसीदास ने बालकांड की रचना भी की थी.
बालकांड में तुलसीदास लिखते हैं कि
'राम इक दिन चंग उड़ाई।
इन्द्रलोक में पहुंची जाई।।'
अर्थात- रामलला ने एक दिन पतंग उड़ाई थी जो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी
'जासु चंग अस सुन्दरताई।
सो पुरुष जग में अधिकाई।।
अर्थात- उस पतंग को देखकर इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी बहुत आकर्षित हो गई। वह उस पतंग और पतंग उड़ाने वाले के प्रति सोचने लगी
'तिन तब सुनत तुरंत ही, दीन्ही छोड़ पतंग।
खेंच लइ प्रभु बेग ही, खेलत बालक संग।।'
अर्थात- जब जयंत की पत्नी ने जाना कि यह पतंग श्री राम चंद्र की है तो उन्होंने उसकी डोर छोड़ दी, जब श्री राम ने उन्हें चित्रकूट में अपने दर्शन देने का वचन दिया
इससे यह तो क्लियर हो जाता है कि पतंग उड़ाने का कल्चर त्रेतायुग यानी आज से 7000 साल पहले से चला आ रहा है. लेकिन पतंग का अविष्कार किया किसने यह न तो किसी इतिहासकार को मालूम है और न ही गूगल को