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देसी कुत्ते कौन सी ब्रीड के होते हैं?

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
20 March 2023 8:00 PM IST
Updated: 2023-03-20 14:30:48
देसी कुत्ते कौन सी ब्रीड के होते हैं?
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Desi Dog Breeds, देशी कुत्तों की ब्रीड: ये वही कालू, भूरा नाम के कुत्ते हैं जो हमारी-आपकी गलियों में आवारा भटकते रहते हैं

Desi Kutte Kis Breed Ke Hote Hai: डॉग लवर्स दो प्रकार के होते हैं, एक वो जिन्हे हर तरह के डॉगी से प्यार होता है और दूसरे वो जिन्हे सिर्फ विदेशी नस्ल के कुत्ते पसंद आते हैं और उन्हें सड़क में आवारा घूमने वाले देसी कुत्ते अच्छे नहीं लगते। वैसे इस समय देश में कुत्तों को लेकर डर भर गया है क्योंकि आए दिन कोई न कोई इन आवारा और यहां तक की पालतू विदेशी नस्ल के कुत्तों का शिकार बन रहा है. फिर भी लोग देशी कुत्तों से ही धृणा करते हैं जबकि लोगों को काटने में दोनों नस्लों के कुत्तों की भूमिका है.

अपन लोग विदेशी कुत्तों की ब्रीड्स को तो आसानी से जान लेते हैं, बच्चा बच्चा बता देता है कि फला-फला कुत्ता जर्मन शेफर्ड है, अमिताभ बच्चन के पास स्कूबी डूबी डू वाला कुत्ता यानी ग्रेट डैन है, झबरीले बाल वाला पॉमेलियन है, और वोडा फोन वाला पग है. लेकिन क्या आप सड़क में घूमने वाले भूरा और कालू की ब्रीड जानते हैं?

देसी कुत्ते कौन सी प्रजाति के होते हैं

भारत में जो कुत्ता विदेशी नहीं है उसे आवारा कुत्ता यानी Stray Dog मान लिया जाता है, आवारा कुत्तों को देशी कह दिया, कुछ लोगों ने इन्हे Indies Dog कह दिया लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर ये भूरे, काले, चिकत्तेदार कुत्ते किस प्रजाति के हैं?

सड़क में घूमने वाले कुत्तों की ब्रीड

जिन कुत्तों को आप सड़क में घूमते देखते हैं, वह परियाह ब्रीड के कुत्ते हैं मतलब Indian Pariah dog. ये लोग एशियाई और ओशियनाई ब्रीड ग्रुप के होते हैं. यानी ये ऑस्ट्रेलियाई डिंगो, इज़राइल के कनान डॉग, न्यू गिनी सिंगिंग डॉग और अफ्रीकी बेसेंजी के पूर्वजों के आदिम नस्लों के जैसे ही होते हैं.

देसी कुत्तों का इतिहास

History Of Indigenous Dogs: ये कुत्ते 15 से 30KG तक के होते हैं, इनकी उम्र 11 से 15 तक जाती है. यह 18 से 25 इंच तक ऊँचे हो सकते हैं.

भले ही ये नहाते नहीं हैं, इन्हे अच्छा खाना नहीं मिलता, वो प्यार नहीं मिलता जो पालतू कुत्तों को मिलता है मगर देसी कुत्ते विदेशी ब्रीड के कुत्तों से ज़्यादा इम्युनिटी वाले होते हैं. जिन्हे बेहद कम मेंटेनेंस, कम पौष्टिक भोजन के भी आराम से अपनी जिंदगी बिता देते हैं. क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से कुत्तों की नस्ल है इसी लिए यह सदियों से भारत और आसपास के देशों में 4500 साल से मौजूद हैं.




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