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What Is Khap Panchayat In Hindi: खाप पंचायत क्या होती है? आसान भाषा में समझें

What Is Khap Panchayat In Hindi: खाप पंचायत क्या होती है? आसान भाषा में समझें
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Khap Panchayat Kya Hota Hai: खाप पंचायत कभी कभी देश के कानून से ऊपर हो जाती है. इनके लिए फैसले ही अंतिम माने जाते हैं

खाप पंचायत क्या है: आप ने फिल्मों में खाप पंचायत का नाम सुना होगा और ये भी देखा होगा कि खाप के सदस्य किस तरह नैतिकता के आधार पर कड़े फैसले ले लेते हैं. ना तो मामला पुलिस में जाता है ना कोर्ट कचहरी होती है. गांव के एक चबूतरे में बैठकर 5-6 रूठीवादी सोच के अधेड़ ही अपने आप में कोर्ट और न्यायाधीश बन जाते हैं. वो जो फैसला लेते हैं वही अंतिम होता है. चाहे प्रेमी जोड़े को अलग करना हो, या महिला को निवस्त्र करके समाज में उसकी बेज्जती करना। कुछ इसी तरह की कुरीतियों के कारण खाप बदनाम है.

खाप क्या है?

उत्तर भारत खासकर हरियाणा में खाप पंचायत का दबदबा है. यह पंचायत सदियों से चली आ रही है. यह एक पारंपरिक पंचायत है को हमेशा से उग्र रूप में देखी जाती रही है. इसके सदस्य खुद को चीफ जस्टिस समझ लेते हैं मगर कानून और सरकार की तरफ से इन्हे किसी भी प्रकार की छूट या मान्यता नहीं दी गई है.

हालांकि खाप का जैसा नाम है वैसा काम नहीं है. खाप दो शब्दों से मिलकर बना है. ख और आप. ख का अर्थ है आकाश और आप का अर्थ है पानी। यानी आकाश की तरह सर्वोपरि और पानी की तरह स्वच्छ। लेकिन ना तो यह सर्वोपरि है और ना ही स्वच्छ।

खाप एक सोशल एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम है. जिसे एक गोत्र या जाति के लोग मिलकर खाप पंचायत बनाते हैं. इन्हे कानून के मान्यता प्राप्त नहीं है फिर भी खाप पंचायते अपने गांव से जुड़े मसलों में फैसले सुना देते और लोग उसे मानाने के लिए बाध्य भी होते हैं.

रूढ़िवादी सोच की जन्म है खाप

खाप के लोग मॉर्डन सोच नहीं रखते, यह रूढ़िवादी होते हैं. इनके लिए फैसले भी बेहूदा और असामाजिक होते हैं. खाप का मूल चरित्र नारी विरोधी है. अगर कोई महिला पढ़कर नौकरी करने जाती है तो खाप पंचायते उसे निर्लज्ज घोषित कर देते हैं. अगर वो फिर भी नहीं मानती है तो पूरे गांव के सामने परिवार को बेज्जत किया जाता है.

कोई दूसरी जाति के लड़का-लड़की का रिश्ता इन्हे मंजूर नहीं होता। अगर ये किसी गांव की लड़की को अपने प्रेमी के साथ देख लेते हैं तो इतना घटिया फैसला सुनाते हैं कि जानकर आपकी रूह कांप जाए. गांव की इज्जत के नामपर महिलाओं के साथ हैवानियत तक को अंजाम दे देते हैं.

जैसे अगर किसी लड़के ने दूसरे परिवार की बेटी के साथ बलात्कार किया है तो खाप पीड़ित परिवार के लड़के को आरोपी परिवार की लड़की के साथ बलात्कार करने का फैसला सुना देता है. यहां कोई शोषित होता है तो वह महिला है जिसे न्याय नहीं मिलता।

खाप पंचायत का इतिहास

सर्वखाप के वर्तमान मंत्री सुभाष बालियान है जो 26वीं पीढ़ी के हैं. उनके पास सम्राट हर्षवर्धन से लेकर स्वतंत्र भारत तक के अभिलेख हैं. कहा जाता है कि महाराजा हर्षवर्धन ने सन 643 ईसवी में क्षत्रियों को एकजुट करने के लिए कन्नौज में विशाल सम्मेलन किया था. वह सर्वखाप पंचायत ही थी. तब का कन्नोज हरियाणा, देहरादून, बरेली, मैनपुरी और तराई क्षेत्र तक फैला हुआ था. सर्वखाप के 4 केंद्र थे, दिल्ली, थानेसर, रोहतक और कन्नौज। इस पंचायत में 300 बड़ी-छोटी खाप और रूठीवादी संगठन शामिल थे. सम्राट हर्ष ने वैदिक विधि विधान से सर्वखाप का गठन किया था

मौजूदा वक़्त में आप खाप पंचायतों का जिक्र दिल्ली के जंतर मंतर में धरना दे रहीं महिला पहलवानों के मुंह से सुन रहे होंगे। पहलवानों के धरने में खाप पंचायते साथ दे रही हैं. यह वही खाप हैं जो लड़कियों को छोटे कपड़ने पहनने पर समाज के सामने निवस्त्र करके मुँह काला करके उन्हें गली-मोहल्लों में घुमाते हैं. इन्हे बर्दाश्त नहीं होता है कि कोई महिला नौकरी करे. यही लोग महिला पहलवानों के समर्थन में खड़े हैं.





Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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