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What Is GI Tag In Hindi: GI टैग क्या है? आसान भाषा में समझिये
GI Tag Kya Hai: आपने न्यूज़ चैनलों में सुना होगा कि सरकार ने फला-फला राज्य के इस खास प्रोडक्ट को GI Tag दे दिया है. जैसे मध्य प्रदेश के रीवा के गोविंदगढ़ में होने वाले आम की किस्म सुन्दरजा (Sundarja Mango GI Tag) और झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे को GI टैग हासिल हुआ है. ऐसे ही देश के विभिन्न राज्यों के खास विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले फेमस प्रोडक्ट्स को GI टैग दिया जा रहा है.
सवाल ये है कि GI टैग होता क्या है और इन चीज़ों को GI टैग देने से क्या होगा?
GI टैग क्या है
What Is GI Tag: GI टैग का फुलफॉर्म जियोग्रापीकल इंडिकेशन टैग (Geographical Indication Tag) होता है. यह एक प्रकार का लेबल होता है जो उस प्रोडक्ट के साथ उस क्षेत्र को भी मिलता है जहां उस खास किस्म के उत्पाद की पहचान होती है. जैसे आगरा का पेठा, मथुरा का पेड़ा, गुजरात का फाफड़ा आदि
GI टैग से होता क्या है?
GI टैग की मदद से किसी प्रोडक्ट को उसकी भौगोलिक पहचान मिलती है. आसान शब्दों में कहें तो मथुरा का पेड़ा तो सिर्फ मथुरा में बन सकता है, अगर कोई आपके शहर में पेड़ा बना रहा है और उसे मथुरा का पेड़ा कह रहा है तो यह कानूनन सही नहीं है.
GI टैग भारत में कब से शुरू हुआ
GI टैग को संसद में 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत लागू किया गया था. जिसके तहत भारत के किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाले विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उसी राज्य को दिया जाता है.
GI टैग से क्या फायदा होगा
जब किसी प्रोडक्ट को उसकी भौगोलिक पहचान मिल जाती है तो पूरी दुनिया में उसकी ख्याति बढ़ने लगती है. जैसे रीवा जिले के सुन्दरजा आम को GI टैग मिला है तो पूरी दुनिया में सुन्दरजा आम के लिए मध्य प्रदेश का रीवा ही जाना जाएगा।