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अखंड भारत क्या है: ईरान से मलेशिया तक फैला अखंड भारत कैसे टूटा? Akhand Bharat का इतिहास जानें

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
11 Jun 2023 8:30 PM IST
Updated: 2023-06-11 15:03:07
अखंड भारत क्या है:  ईरान से मलेशिया तक फैला अखंड भारत कैसे टूटा? Akhand Bharat का इतिहास जानें
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What is Akhand Bharat: अखंड भारत का कांसेप्ट (Concept of Akhand Bharat), अखंड भारत का इतिहास (History Of Akhand Bharat), और अखंड भारत के देश (Countries Of Akhand Bharat) पर भी हम चर्चा करेंगे

Akhand Bharat Ki Sampurn Jankari/अखंड भारत की सम्पूर्ण जानकारी: भारत में रहने वाले हिंदुत्ववादी हमेशा अपने गौरवान्वित इतिहास को याद करते हुए अखंड भारत की परिकल्पना करते हैं. वही अखंड भारत जो कभी उत्तर-पश्चिम में ईरान तो दक्षिण-पूर्व में मलेशिया के आगे तक फैला हुआ था. वही अखंड भारत जो सदियों पहले अमेरिका-ऑस्ट्रिया जैसे देशों जितना विशाल और समृद्ध हुआ करता था. वही अखंड भारत जिसका नक्शा नए संसद भवन में दर्शाया गया है.


नए संसद भवन में बने अखंड भारत के चित्र से ही नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों के सीने में सांप लोटने लगा है. ये मानाने को तैयार ही नहीं हैं कि ये नए देश कभी भारत का हिस्सा हुआ करते थे. इस नक़्शे को देखकर चीन की भीख में पलने वाला पाकिस्तान भारत को विस्तारवादी कह रहा है, भारत के एहसानों तले दबे नेपाल ने भी बदला लेने के लिए अपने संसद में ग्रेटर नेपाल का नक्शा लगा दिया है और एहसानफरामोश बांग्लादेश की तो इतनी मजाल हो गई है कि वो इस अखंड भारत के नक़्शे को लेकर भारत से स्पष्टीकरण मांगने की जुर्रत कर रहा है.

क्या नए संसद भवन में अखंड भारत का नक्शा है?

नए संसद भवन में जो भारत का नक्शा है वह अखंड भारत का नक्शा नहीं है. भारत सरकार ने खुद इस नक़्शे को लेकर तर्क दिया है कि यह राजनीतिक नहीं सांस्कृतिक नक्शा है जो मौर्यकाल के पराक्रमी सम्राट अशोक (The Great Ashoka) के साम्राज्य को दर्शाता है. इस नक़्शे में पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मयंमार, अफ़ग़ानिस्तान का कुछ हिस्सा दिखाया गया है.

अखंड भारत का इतिहास


History Of Akhand Bharat In Hindi: अखंड भारत का असली नाम भारतवर्ष (Bharatvarsh) है. इसे आर्यवर्त (Aryavart) और जम्बूद्वीप (Jambudwip) भी कहा जाता है. वायुपुराण में आर्यवर्त से जुड़ा एक मंत्र है

'''जम्बूद्वीपे भरतखण्डे आर्याव्रत देशांतर्गते''

आप दुनिया के 7 महाद्वीपों के मॉर्डन नाम एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अंटार्टिका, और अफ्रीका जानते हैं. लेकिन हजारों साल पहले ही भारत के ऋषियों द्वारा लिखे गए पुराणों में पहले ही दुनिया के 7 महाद्वीपों का नाम नक़्शे के साथ उल्लेखित किया गया था. जिनका नाम जम्बू, प्लक्ष, शाल्मल, कुश, क्रौंच, शाक और पुष्कर था.

भारतवर्ष क्या है


सनातनी पुराणों में 7 महाद्वीपों का जिक्र मिलता है. जिसमे पृथ्वी के मध्य में बने जम्बूद्वीप का उल्लेख है. जम्बूद्वीप के अंदर भारतवर्ष आता है. जिसमे पारस (ईरान), अफगानिस्तान, पाकिस्तान, हिन्दुस्थान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, मालद्वीप, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, वियतनाम, लाओस जैसे देश थे.

आर्यवर्त क्या है


जम्बूद्वीप के अंदर भारतवर्ष और भारतवर्ष के अंदर है हिन्दुस्थान जो हिमालय से लेकर दक्षिण सागर तक फैला है. और इसी के उत्तरी भाग को कहते हैं आर्यवर्त। आर्यवर्त का विस्तार काबुल की कुम्भा नदी से गंगा नदी तक रहा.

वायुपुराण के 31-37 और 38वें अध्याय में एक श्लोक है

सप्तद्वीपपरिक्रान्तं जम्बूदीपं निबोधत।

अग्नीध्रं ज्येष्ठदायादं कन्यापुत्रं महाबलम।।

प्रियव्रतोअभ्यषिञ्चतं जम्बूद्वीपेश्वरं नृपम्।।

तस्य पुत्रा बभूवुर्हि प्रजापतिसमौजस:।

ज्येष्ठो नाभिरिति ख्यातस्तस्य किम्पुरूषोअनुज:।।

नाभेर्हि सर्गं वक्ष्यामि हिमाह्व तन्निबोधत।

अर्थात राजा प्रियव्रत ने अपनी बेटी के 10 पुत्रों में से 7 को सम्पूर्ण धरती के 7 महाद्वीपों का राजा बनाया था और अग्नीन्ध्र को जम्बूद्वीप का राजा बनाया था. राजा भरत ने ने जो क्षेत्र अपने पुत्र सुमित को दिया वह भारतवर्ष कहलाया।

  • 1941 में भंडारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट के पंडित पांडुरंग वामन (Pandit Pandurang Vaman) ने अपनी किताब में लिखा था- भारतवर्ष के अंदर कई देश थे और भारतवर्ष जम्बूद्वीप के अंदर आता था'

  • इतिहासकार दिनेशचंद्र सरकार ने अपनी किताब 'Study In The Geography Of Ancient And Medieval India' में दावा किया है कि 'भारतवर्ष की सबसे पुरानी सभ्यता की निशानी सिंधु घाटी सभ्यता में मिली है'
  • इस किताब में 8000 साल पुराने पुरातात्विक साक्ष्य बताए गए हैं. जबकि वैदिकलाल खुद 3500 साल पुराना है. यानी भारतवर्ष की स्थापना वैदिककाल से पहले हुई थी. समय के साथ भारतवर्ष कई खंडों में बंट गया और कई बार सम्राटों ने इसे पुनः जोड़ने का प्रयास किया।

अखंड भारत क्या है

What Is Akhand Bharat: भारत देश कई बार विभाजित हुआ. प्राचीनकाल में सम्राटों द्वारा तो आजादी के पहले अंग्रेजों और आजादी के बाद नाकारा सरकारों के द्वारा। अखंड भारत में आने वाले देश 'ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, तिब्बत, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, कम्बोडिया, मलेशिया, और इंडोनेशिया तक था.

गुप्त वंश के बाद भारत खंड-खंड होता गया और ईरान, तिब्बत, थाईलैंड, कम्बोडिया, मलेशिया, और इंडोनेशिया अलग होते गए. भारत सिर्फ अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार तक सिमित रह गया. इसके बाद कुछ देश भोलोगिक दशा और भाषा के चलते अलग हो गए और इसके बाद अंग्रेजों ने भारत से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान को अलग कर दिया और आजादी के बाद चीन और पाकिस्तान ने कश्मीर का कुछ हिस्सा हड़प लिया।

अखंड भारत किसने बनाया


  • भारवर्ष ही अखंड भारत था. जो समय के साथ अलग-अलग सम्राटों की राजधानियों में बंट गया. लेकिन 321 ईसा पूर्व यानी जीजस क्राइस्ट के जन्म से 321 साल पहले इन बिखरे हुए गणराज्यों को संगठित करने का काम मौर्य साम्राज्य के सम्राट चन्द्रगुप्त ने चाणक्य के मार्गदर्शन में किया।
  • 322 BC में चन्द्रगुप्त मौर्य ने नंद साम्राज्य के राजा घनानंद को पराजित कर अपना साम्राज्य स्थापित किया। फिर चन्द्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर (Alexander) के कब्जे वाले क्षेत्र को वापस हासिल करने के लिए युद्ध लड़े, 305 BC में सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध में चन्द्रगुप्त की विजय हुई. बाद में सेल्यूकस ने अपनी बेटी 'हेलन' की शादी करा दी.
  • राधा कुमुद मुखर्जी (Radha Kumud Mukherjee) की किताब 'Chandragupta Maurya And His Time' में लिखा है कि चन्द्रगुप्त के बाद उनके बेटे बिंदुसार और पोते सम्राट अशोक ने ने पूर्वी तट पर कलिंग और दक्षिणी तट पर तमिल राज्य तक मौर्य साम्राज्य का विस्तार कर लिया था
  • मौर्य साम्राज्य पक्षिम में ईरान (तब का पर्शिया) पूर्व में बंगाल और उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में तमिल तक फ़ैल गया था. इसे ही अखंड भारत कहा गया.

अखंड भारत कैसे टूटा?

  • 185 BC में मौर्य साम्राज्य का पतन हो गया. और अखंड भारत बिखरने लगा. इसके बाद शांक, किन, शक, सातवाहन, कुषाण, चोल, पंड्या, चेर जैसे साम्राज्य बनने लगे।
  • अखंड भारत के राज्य अलग-अलग साम्राज्य बन गए, राजा एक दूसरे से लड़ने लगे. चोल और पंड्या के कब्जे में रहने वाला श्रीलंका 1310 में इसी लिए अलग होकर ब्रिटिशर्स के कब्जे में आ गया.
  • 870 ई में अफ़ग़ानिस्तान पर अरब सेनापति यकूब ऐलिस, फिर मुग़ल और उनके बाद अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। 26 मई 1876 को रूस और ब्रिटेन के बीच हुई 'गंडमक संधी' के बाद अफ़ग़ानिस्तान बफर स्टेट बन गया और अखंड भारत से एक और हिस्सा 18 अगस्त 1919 को अलग हो गया
  • अफ़ग़ानिस्तान से पहले 1907 में ब्रिटेन ने भूटान को भारत से अलग कर दिया और वहां उग्येन वांगचुक की राजशाही शुरू करवा दी
  • 1937 में अंग्रेजों ने भारत से बर्मा को अलग कर दिया
  • 1947 में पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से अलग हो गए, तब बांग्लादेश पाकिस्तान ही था जिसे भारत ने 1971 की जंग के बाद अलग देश बना दिया था.

आरएसएस का अखंड भारत

RSS Akhand Bharat: 1924 में जब 11 साल की कालापानी की सज़ा के बाद विनायक दामोदर सावरकर अंडमान निकोबार की जेल से बाहर आए और अपनी किताब 'My Transportation For Life' में अखंड भारत का उल्लेख किया। वीर सावरकर की ही अखंड भारत की परिकल्पना को RSS ने अपना अखंड भारत माना। RSS में अखंड भारत के विचारक वीर सावरकर ही माने जाते हैं.


1937 में हिन्दू महासभा की 19वीं वर्षगांठ में वीर सावरकर ने कहा था 'हिंदुस्तान को अखंड रहना चाहिए, इसमें कश्मीर से रामेश्वरम तक, सिंध से असम तक शामिल है'

RSS के मॉर्डन अखंड भारत में 'पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और तिब्बत शामिल है. RSS इसे संयुक्त राष्ट्र मनाता है जो हिंदू सांस्कृतिक समानताओं का आधार है.


RSS के अखंड भारत के नक़्शे में अफ़ग़ानिस्तान का नाम 'उपगणस्थान', काबुल का नाम 'कुभा नगर', मुल्तान का नाम 'मूलस्थान' तिब्बत 'त्रिविष्टं,' श्रीलंका 'सिंघलद्वीप' म्यांमार का नाम ब्रह्मदेश और थाईलैंड का नाम 'श्यामदेश' है.

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