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कभी बिपरजॉय तो कभी तितली-बुलबुल, चक्रवाती तूफानों के नाम कौन रखता है?

कभी बिपरजॉय तो कभी तितली-बुलबुल, चक्रवाती तूफानों के नाम कौन रखता है?
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तूफ़ान का नामकरण कौन करता है: क्या आपने कभी सोचा है चक्रवातों का नाम कौन रखता है?

Who Names The Cyclones: अरब सागर से उठा दूसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) 15 जून को गुजरात के कच्छ तट के टकराने वाला है. यह तूफान महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों में तबाही मचा सकता है. बिपरजॉय का अर्थ (Meaning Of Biparjoy) होता है विनाश या तबाही। इस तूफान को बिपोरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया है.

चक्रवातों को नाम कौन देता है

Who gives names to cyclones: क्या आपने कभी सोचा है कि इन तूफानों को नाम कौन देता है? जैसे कुछ दिन पहले चक्रवात मोका (Cyclone Mocha) आया था, उससे पहले तितली, बुलबुल, वायु, हुदहुद, कटरीना, निवान, लीजा और ना जानें कितने तूफान आए. लोगों को ये तो मालूम है कि फलाने चक्रवात का नाम क्या है लेकिन इन चक्रवातों को नाम कौन देता है? (Who gives names to cyclones?)

तूफानों को नाम कैसे देते हैं

Who Names Cyclones: जैसे कोई इंसानी बच्चा पैदा होता है, वह तबतक गुमनाम रखता है जबतक बुआ-मौसी उसे कोई नाम नहीं देतीं। ठीक वैसे ही चक्रवात/तूफान भी पैदा होता है. चक्रवात को नाम देने से पहले यह पता लगाया जाता है कि ये तूफान है या चक्रवाती है या ट्रॉपिकल हरिकेन है या फिर हरिकेन है?

जब समंदर से उठे तूफान की स्पीड 63 किमी रहती है तो उसे ट्रॉपिकल स्टॉर्म यानी तूफान कहते हैं. और यही स्पीड बढ़ते हुए 199Kmph हो जाती है तो इसे ट्रॉपिकल हरिकेन कहने लगते हैं और अगर स्पीड बढ़ जाए तो इसे हरिकेन कहते हैं. ऐसे ही 5 तरह की स्केल होती है.

साइक्लोन को नाम कौन देता है

ये काम सबसे पहले अटलांटिक सागर के आसपास बसे देशों से शुरू किया था. चक्रवातों को नाम देने की परम्परा अमेरिका से सबसे पहले शुरू की थी. साइक्लोन को नाम देना इसी लिए जरूरी समझा गया था ताकी इनके रिकॉर्ड्स रखने और याद करने में आसानी हो. एक समय ऐसा था जब कैरेबियन आइलैंड में रहने वाले लोग अपने कैथलिक संतों के नाम पर चक्रवातों का नामकरण कर देते थे

वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान अमेरिकन सेना इन चक्रवातों को महिलाओं का नाम देने लगी. लोगों को सुनने में भी मजा आता था और महिलाओं को तूफान की संज्ञा दी जाने लगी थी. लेकिन यहां भी फेमिनिज्म जाग उठा और महिलाओं ने कहा कि तबाही मचाने वाले तूफानों के नाम सिर्फ महिलाओं जैसे क्यों हैं? मर्द भी तो आबादी का आधा हिस्सा हैं. इसके बाद 1978 से मर्दों के नाम पर तूफानों का नाम रखा जाने लगा

भारत में चक्रवातों के नाम कौन रखता है

भारत एक उपमहाद्वीप है यानी समदंर से तीन तरफ से घिरा हुआ है. दक्षिण में हिन्द महासागर है इसी लिए इंडिया में चक्रवाती तूफान आते रहते हैं. हिंद महासागर से उठने वाले तूफानों को नाम देने का ट्रेंड 2004 से शुरू हुआ था. इससे 4 साल पहले भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड ने मिल कर नाम देने का एक फॉर्मूला बनाया.

सभी देशों ने अपनी तरफ से कुछ नामों की लिस्ट बनाई थी और उसे वर्ल्ड मीटियोरोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन को दे दी. भारत ने 'अग्नि', 'आकाश', 'बिजली', 'मेघ' और 'सागर' जैसे नाम दिए तो पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'तितली' और 'बुलबुल' जैसे नाम दिए.

जब भी कोई चक्रवात हिंद महासागर या अरब सागर से उठता है तो वर्ल्ड मीटियोरोलॉजिकल उसे इन्ही देशों द्वारा सुझाए गए नामों पर तूफान का नाम रख देता है. हर देश की एक-एक बार चांस होती है और एक चक्रवात का नाम अगले 10 साल तक रिपीट नहीं होता है. इसके आलावा अगर कोई तूफान ज्यादा ही तबाही मचा देता है तो उसका नाम इस लिस्ट से हटा दिया जाता है.



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