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एक रुपए की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू: कभी 1 रुपए की वेल्यू 13 डॉलर के बराबर हुआ करती थी, जानें कैसे गिरा रुपए का मूल्य
Rupee vs Dollar: आज अमेरिकी एक डॉलर की कीमत 72.92 भारतीय रुपए के बराबर है, ज़ाहिर है अमेरिका एक विकसित देश है और भारत विकासशील राष्ट्र है इसी लिए दोनों की करेंसी की वेल्यू में इतना बड़ा फर्क है। लेकिन एक ऐसा भी ज़माना था तब 1 भारतीय रुपए की वेल्यू 13 डॉलर हुआ करती थी. ये कोई मजाक या फ़र्ज़ी बात नहीं है आज़ादी से पहले भारतीय रुपए अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा मूल्यवान था। अगर आज भारतीय मुद्रा की वेल्यू उतनी ही होती जितनी पहले थी तो अमेरिका वाले भारत के आगे पानी भरते दिखाई पड़ते। लेकिन ऐसा क्या हुआ की इंडियन करेंसी की वेल्यू इतनी गिर गई के उठ ही नहीं पा रही है. आइये जानते हैं।
अपनी करेंसी का इतिहास 250 साल पुराना है
साल 1917 की बात है जब इंडिया में ब्रिटिश मतलब की गोरे फिरंगियों का राज था। तब एक इंडियन रुपए की कीमत 13 डॉलर होती थी। उसके बाद जब साल 1947 में भारत आज़ाद हुआ तो एक रुपए मतलब एक डॉलर माना गया। ऐसा इस लिए था क्योंकि उस टाइम भारत देश किसी भी प्रकार के कर्जे से मुक्त था। आज़ादी के बाद रुपए की वेल्यू गिरने का सिलसिला चालू हुआ जो ऐसा चला की अब गिरता ही जा रहा है, साल 1951 में भारत सरकार ने पहली पंच वर्षीय योजना के लिए लोन लिया था जिसके कारण रुपए की वेल्यू गिरती गई। साल 1948 से 1996 तक एक एक डॉलर मतलब 4.66 रुपए था। और 1975 में एक डॉलर 8.39 और 1985 में एक डॉलर की वेल्यू 12 रुपए हो गई।
इस लिए घाटी रुपए की कीमत
भारत पर कर्ज बढ़ता ही गया तो उस वक़्त देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कर्ज चुकाने के लिए रुपए की कीमत घटाने का फैसला किया, वो दिन और आज का दिन रुपए की कीमत दोबरा बढ़ने का नाम नहीं ली। जितनी भी सरकारें आईं सभी के राज में रुपए को कोई उठा नहीं पाया। आपको याद होगा की 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं लेकिन साल 1957 से पहले एक रुपए मतलब 16 आने हुआ करता था। अगर भारत में अंग्रेजों का राज चलता रहता तो भारत की करेंसी रुपए नहीं बल्कि पाउंड होती।