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उल्कापिंड के साइज़ नहीं इस कारण से धरती में हुआ था महाविनाश, विलुप्त हो गए थे डायनासोर

meteorite Size Doesn't Matters: क्या आपको किसी ऐसी उल्का पिंड के बारे में पता है कि जिसके गिरने पर महाविनाश हुआ हो ? यह एक ऐसा प्रश्न है जो बहुत लंबे समय से विवाद का विषय है। पृथ्वी पर बहुत से उल्कापिंड आकर टकराते रहते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए नए अध्ययन में इस बात का पता चला कि पिछले 60 करोड़ साल के दौरान कौन सा उल्का पिंड कितना खतरनाक रहा जब वह पृथ्वी से टकराया।
इस अध्ययन से ये निष्कर्ष निकला कि उल्कापिंड का आकार नहीं बल्कि उसका खनिज विज्ञान तय करता है कि वो उल्कापिंड कितना खतरनाक होगा। आइए जानते हैं पूरी जानकारी
क्या महा विनाश का कारण है उल्का पिंड?
जब उल्कापिंड टकराते हैं तो वायुमंडल में बहुत ज्यादा धूल पैदा होती है जिसके कारण से पृथ्वी की सतह पर ढेर सारे अवशेष आ जाते हैं जिनसे वो ढक जाती हैं। आपको बता दें कि पृथ्वी के इतिहास में इस घटना को महाविनाश शुरू करने वाली घटना माना जाता है। आपको बता दें कि लगभग 600 करोड़ साल पहले कुछ ऐसी ही घटना हुई थी जो महाविनाश का कारण बनी थी जिसमें पृथ्वी के सभी डायनासोर विलुप्त हो गए थे।
उल्का पिंड का आकार कितना महत्वपूर्ण है?
शोधकर्ताओं की बहुविषय टीम के द्वारा अध्ययन किया गया इन विषयों में शामिल है खनिज विज्ञान, जीवाश्म विज्ञान, बादलों की सूक्ष्मभौतिकी, क्षुद्र ग्रहों का स्तर विज्ञान, जलवायु प्रतिरूपण आदि। शोधकर्ताओं द्वारा यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर क्यों कुछ उल्कापिंड से महाविनाश होता है? इसमें इस बात का पता लगा कि कई बड़े उल्का पिंडों से टकराने के बावजूद पृथ्वी पर कोई भी विनाश नहीं हुआ जब छोटे उल्कापिंड टकराए तो पृथ्वी पर काफी प्रभाव पड़ा। यह निष्कर्ष निकला कि सिर्फ उल्का पिंड का आकार महा विनाश का कारण नहीं हो सकता।
अध्ययन में शामिल की गई नई पद्धति
शोधकर्ताओं द्वारा 60 करोड़ साल की 44 उल्का पिंडों का अध्ययन किया गया जिसमें नई पद्धति का उपयोग किया गया। शोधकर्ताओं द्वारा उल्कापिंड टकराने के बाद उत्पन्न होने वाली धूल का अध्ययन किया गया जो टकराते वक्त खनिजों में मिल गई थी। यह पड़ताल जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन में प्रकाशित की गई। शोध में इस बात का खुलासा हुआ कि जब उल्कापिंड पोटेशियम फेल्डस्पार समृद्ध चट्टानों से टकराते हैं तो उनसे महाविनाश की घटना होती है।
क्या है पोटेशियम फेल्डस्पार?
पोटेशियम फेल्डस्पार एक तरह का खनिज है जो जहरीला नहीं होता। लेकिन ये एक शक्तिशाल आइस न्युक्लेटिंग खनिज एरोसॉल है। आपको बता दें ये बादलों की उस गतिकी को प्रभावित करता है जिससे सूर्य की किरण उन्हें पार करके पृथ्वी तक पहुंच पाती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में यह पाया कि जब महाविनाश हुआ था उसका संबंध उल्कापिंड से निकले पोटेशियम फेल्डस्पार की चट्टान के टकराने से था। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन से अब शोध के नए आयामों का खुलासा होगा और पता चलेगा कि जीवन के खत्म होने की वास्तविक वजह आखिर क्या थी?
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