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History Of Mahishmati: आपको पता है माहिष्मती साम्राज्य मध्यप्रदेश में हुआ करता था

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
12 March 2023 12:30 PM IST
Updated: 2023-03-12 07:02:11
History Of Mahishmati: आपको पता है माहिष्मती साम्राज्य मध्यप्रदेश में हुआ करता था
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महिष्मति का इतिहास: सबको लगता है माहिष्मती साम्राज्य सिर्फ बाहुबली फिल्म का हिस्सा है।

History Of Mahishmati: ''माहिष्मती'' ये शब्द सुनते ही आपके मन में बाहुबली फिल्म की कहानी चलने लगती होगी, दिमाग में माहिष्मती साम्राज्य्म वाला गाना बजने लगता होगा लेकिन क्या आपको पता है माहिष्मती साम्राज्य असली में था। कोई छोटी मोती रियासत नहीं बल्कि पूरा का पूरा साम्राज्य था। क्या है कि ज़्यादातर लोगों को इतिहास के नाम पर बाबर, अखबर, औरंगजेब के अलावा कुछ पता ही नहीं है, स्कूल में भी तो इन्ही आक्रांताओं के गुणगान के सिवाय कुछ बताया ही नहीं गया। और भारत का असली भव्य इतिहास छुपा लिया गया। खैर आज हम बात करेंगे माहिष्मती साम्राज्य की जिससे जुड़े सवाल हर सरकारी परीक्षा में पूंछे जाते हैं लेकिन पढ़या कहीं नहीं जाता।

महिष्मति साम्राज्य का इतिहास


History Of Mahishmati: महाभारत काल में पूरे भारत वर्ष में कुल 16 महाजनपदें हुआ करती थी जिनमे से दो महाजनपद मध्यप्रदेश में भी थी. उस समय मध्यप्रदेश नामक कोई राज्य नहीं था. मध्यप्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था और साल 2000 में छत्तीसगढ़ अलग प्रदेश बना था. प्रदेश की वर्तमान भौगोलिक इस्थिति के हिसाब से उस समय 2 साम्राज्य थे।

एक था चेदि साम्रज्य जिसके शासक सम्राट शिशुपाल थे वहीँ दूसरा साम्राज्य अवन्ति था जिसके 2 भाग थे पहला उत्तरी अवन्ति जिसकी राजधानी उज्जैनी वर्तमान में उज्जैन थी और दूसरा माहिष्मती। माहेष्मती का शासक बाहुबली नहीं था वहां के सम्राट का नाम चंडप्रद्योत था जो बहुत पराक्रमी राजा थे। जब महाभारत का युद्द हुआ था तब कौरवों की तरफ से चेदि और माहेष्मती के शासकों ने भी अपनी भागेदारी निभाई थी।

महिष्मति साम्राज्य मध्य प्रदेश


माहिष्मती साम्राज्य बहुत विशाल था और उज्जैनी के बहुत करीब था, महर्षि पतंजलि ने यह उल्लेख किया है की जो यात्री उज्जैनी से यात्रा प्रारम्भ करता था तो माहेष्मती में सूर्योदय होता था, मतलब सिर्फ एक दिन की पैदल यात्रा करने पर महिष्मति से उज्जैनी पहुंचा जा सकता था। माहिष्मती साम्राज्य मध्यप्रदेश से निकलने वाली नर्मदा नदी के तट पर मौजूद महेश्वर से लेकर गुजरात तक फैला हुआ था। माहिष्मती के बारे में कहा जाता है कि यह 14 योजन का होकर वर्तमान खरगोन जिले तक फैला था। वैसे तो माहिष्मती की स्थापना हेहक़ वंश के प्रतापी राजा माहिएतं ने की थी।

इतिहास को लेकर कई विवाद हैं

यह आज से हज़ारो साल पहले महाभारत काल की बात है जिसके प्रमाण हमे सिर्फ वेदों और पुराणों में मिलते हैं, जब देश के लोग भगवान राम और श्री कृष्ण के अस्तित्व में सवाल उठाते हैं तो माहिष्मती के वजूद में भी उंगलिया उठाने वाले बहुत मिलते हैं। लेकिन हज़ारों साल पहले पुराने जितने भी साक्ष्य मिले हैं उससे इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता की महिष्मति नर्मदा नदी के तट पर बसाया एक शक्तिशाली साम्राज्य था। जो अवन्ति महाजनपद का एक दक्षिणी हिस्सा हुआ करता था। बहुत से इतिहासकरों की माहिष्मती को लेकर अलग अलग विचारधारयें हैं.

बाहुबली की स्टोरी काल्पनिक है


माहिष्मती असली में था लेकिन इसका मतलब ये नहीं की बाहुबली फिल्म में जो चीज़े दिखाई गई हैं वो भी असली है ,वो असल इतिहास नहीं सिर्फ एक फिक्शन स्टोरी है जिसे साऊथ के प्रसिद्द लेखक KV विजयेंद्र प्रसाद ने लिखी है जो फिल्म के डायरेक्टर SS राजमौली के पिता हैं।

चंड प्रद्योत कौन थे


चंडप्रद्योत अवन्ति के प्रतापी राजा थे जो गौतम बुद्ध के समकालीन थे, उनके प्रताप से आस पास की राजधानियों के राजा कांपते थे ,बाद में चंद्रप्रद्योत के उत्तराधिकारी मगध की सेना से हार गए और अवन्ति मगध में विलय हो गया बाद में अवन्ति की उत्तरी राजधानी उज्जैनी मगध साम्राज्य की एक राजधानी बन गई. इसके साथ ही चेदि साम्राज्य का भी विलय मगध में हो गया था।

अब कहाँ है माहिष्मती


अब माहिष्मती साम्राज्य तो सिर्फ किताबों में है लेकिन जहाँ यह साम्राज्य हुआ करता था उसकी कुछ यादें मध्यप्रदेश से जुडी हुई हैं। नर्मदा नदी के तट में खरगोन जिले में आने वाली तहसील महेश्वर को ही तब का माहेष्मती कहा जाता है।

आपने कभी सोचा भी नहीं होगा की जिस माहिष्मती साम्राज्य की बात फिल्म बाहुबली में होती है वो तो मध्यप्रदेश में ही था। इसकी वजह यही है की हमें भारत का प्राचीन इतिहास स्कूल में पढ़ाया ही नहीं गया. और सरकारी परीक्षा में प्राचीन भारत से जुड़े सवाल किए जाते हैं. लेकिन आपको टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है रीवा रियासत आपको अनसुने इतिहास के बारे में बताता रहेगा।

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