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Kalpana Chawla: भारत की वो बेटी जो पृथ्वी से अंतरिक्ष तक गई लेकिन वापस नहीं लौटी

Kalpana Chawla: भारत की वो बेटी जो पृथ्वी से अंतरिक्ष तक गई लेकिन वापस नहीं लौटी
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Kalpana Chawla: कल्पना चावला के बारे में लोग सिर्फ इतना जानते हैं कि वो पहली भारतीय महिला थीं जो स्पेस में गईं थीं. जबकि उनकी पहचान इससे कई ज़्यादा है

Kalpana Chawla: "कल्पना चावला" जब यह नाम सुनाई देता है तो स्पेस सूट पहने एक मुस्कुराती हुई वैज्ञानिक की तस्वीर दिखाई पड़ती है. देश के ज़्यादातर लोग कल्पना चावला के बारे में सिर्फ इतना जानते हैं कि वो एक स्पेस वैज्ञानिक थीं और भारतीय मूल की ऐसी पहली महिला थीं जिन्हे स्पेस मिशन में भेजा गया था। जबकि कल्पना चावला की पहचान इससे कई ज़्यादा है।



आप सोच रहे होंगे आज हम महान स्पेस वैज्ञानिक कल्पना चावला के बारे में क्यों बात कर रहे हैं। दरअसल आज 16 जनवरी के ही दिन कल्पना पृत्वी से अंतरिक्ष के सफर के लिए स्पेस मिशन में रवाना हुई थीं. 16 जनवरी 2003 में NASA के स्पेस शटल कोलंबिया से कल्पना उस मुकाम के लिए जाने वाली थीं जिसकी लोग सिर्फ कल्पना करते हैं।

कौन थीं कल्पना चावला (Who Was Kalpana Chawla)

कल्पना चावला NASA की वैज्ञानिक और एस्ट्रोनॉट थीं. उनका जन्म 1 जुलाई 1962 में देश के हरियाणा राज्य के करनाल में हुआ था. अपने 4 भाई बहनों में सबसे छोटी कल्पना के सपने बहुत बड़े थे। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग की पढाई की और 1982 में अपने सपनों को पूरा करने के लिए अमेरिका चली गईं. 1984 में उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से मास्टर्स किया फिर इसी विषय पर 1986 में दूसरी मास्टर्स डिग्री और PHD हासिल की. साल 1983 में उन्होंने अमेरिका के रहने वाले जॉन पियर से शादी कर ली जो पेशे से फ़्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।

जब NASA में हुई कल्पना की एंट्री

साल 1991 की बात है कल्पना को अमेरिका की नागरिकता मिल चुकी थी. इसी के साथ अमेरिकी स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन NASA में उन्हें वैज्ञानिक की नौकरी मिल गई थी. साल 1997 में कल्पना का अंतरिक्ष जाने का सपना पूरा हुआ उन्हें NASA स्पेस शटल प्रोग्राम में चुना गया. 19 नवंबर 1997 में कोलंबिया में मौजूद NASA के केंद्र से उन्हें स्पेस शटल STS-87 से अंतरिक्ष मिशन के लिए भेजा गया। इसी के साथ वो देश की पहली ऐसी महिला बन गईं जो पृत्वी छोड़ कर अंतरिक्ष में पहुंची थीं. उस वक़्त कल्पना सिर्फ 35 साल की थीं और अपने पहले स्पेस मिशन में उन्होंने 65 लाख मील से ज़्यादा की दूरी तय की और अंतरिक्ष में 15 दिन और 16 घंटे बिताए।

जब लौट के नहीं आई कल्पना

वर्ष 1997 वाले स्पेस मिशन सक्सेस हुआ और कल्पना जैसी ही अपनी दुनिया में लौटीं हर तरफ उनके चर्चे होने लगे. वो देश के लिए एक पहचान बन चुकी थीं। हर बच्चा कहता था मैं बड़ा होकर कल्पना चावला जैसे अंतरिक्ष में जाऊँगा। इसके बाद साल 2003 में NASA ने अपने दूसरे स्पेस मिशन के लिए कल्पना को चुना। साल 2003 में 16 जनवरी के दिन कल्पना अपने दूसरे मिशन के लिए कोलंबिया से उड़ान भरी. सब कुछ सही चल रहा था 15 दिन बाद 1 फरवरी 2003 को वो स्पेस से लौटकर पृत्वी इ वापस आ रही थीं। उनका स्पेस शटल पृत्वी से सिर्फ चंद किलोमीटर दूर था सिर्फ कुछ ही सेकेंड्स में वो दोबारा पृथ्वी में पहुंच जाती लेकिन अचानक से स्पेस शटल में कोई गड़बड़ी हो गई और स्पेस शटल विस्फोट कर गया. उस दिन ना सिर्फ नासा का मिशन सक्सेस होते-होते फेल हो गया था बल्कि देश ने उस कल्पना को खो दिया था जिसने स्पेस जाने के सपनों को वास्तविकता में बदला था। कल्पना चावला के साथ उस शटल में मौजूद 4 अन्य वैज्ञानिकों की भी मौत हो गई थी.

कल्पना चावला एक महान वैज्ञानिक और एक महान एस्ट्रोनॉट थीं, जिन्हने विज्ञान के लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया था। वो खासकर उन लड़कियों के लिए रोल मॉडल थीं जिन्हे घर में सिर्फ चूल्हा चौका करने के लिए पढ़ने नहीं दिया जाता था.

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