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EVM का कैसे हुआ अविष्कार, हिन्दी में इसे कहा क्या जाता है? जानिए
EVM History In Hindi: बढ़ते टेक्नलॉजी के युग में मतदान को भी मशीनों से जोड़ा गया और जिस मशीन का उपयोग किया जाता है उसका पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन है और उसे हिन्दी में मतदाता वोटिंग यंत्र (EVM Hindi Name) कहा जाता है, हांलाकि चुनाव आयोग के द्वारा अधिकारिक रूप से अभी यह नाम नही दिया गया है।
42 वर्ष पूर्व हुआ ईवीएम का अविष्कार
खबरों के तहत 42 वर्ष पूर्व यानि की वर्ष 1980 में एमबी हनीफा (Inventor Of EVM) द्वारा ईवीएम का अविष्कार किया गया था। इसका पंजीकरण 15 अक्टूबर 1980 को चुनाव आयोग द्वारा करवाया गया। सबसे पहले तमिलनाडु में आयोजित होने वाली सरकारी प्रदर्शनी में देश की जनता ने ईवीएम को देखा था। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की मदद से इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
तमिलनाडू में हुआ था पहली बार उपयोग
ईवीएम का सबसे पहले इस्तेमाल वर्ष 1982 में तमिलनाडू में हुआ। केरल के परावुर विधानसभा के 50 मतदान केंद्रों पर सबसे पहले इससे वोट डाले गए थे। दिलचस्प पहलू यह रहा है कि इस चुनाव में भी एक उम्मीदवार ने अपनी हार का जिम्मेदार ईवीएम को बताया था।
ज्ञात हो कि ईवीएम को लेकर सवाल हर बार उम्मीदवार उठाते आ रहे है। हार का स्वाद चखने वाले राजनैतिक पार्टी के नेता ईवीएम की पारदर्शिता पर प्रश्न कर रहे है। हाल ही में यूपी चुनाव में ईवीएम पर समाजवादी पार्टी के लोगो ने सवाल उठाए है।
पहले बैलेट पेपर से होता था मतदान
भारत में अब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव ईवीएम से हो रहे हैं। इससे पहले पंचायत चुनावों की तरह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव करवाए जाते थे. हालांकि बैलेट पेपर के माध्यम से कराये गए मतदान में अधिक समय लगता था. वहीं वोटिंग होने के बाद इसकी गणना में भी 3 से 4 दिन का समय लगता था. इसी वजह से अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ईवीएम से मतदान होता है।