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अंधेरे में मच्छर को कैसे पता चलता है कि इंसान कहां बैठा है, कान के पास आकर क्यों करता है आवाज?
बड़े आश्चर्य की बात है कि मच्छर जिसका कद इतना छोटा होता है फिर भी वह अंधेरे में इंसान को देख लेता है और काटने पहुंच जाता है। मच्छर की यह प्रवृत्ति आखिर किस कारण है इसके बारे में हर किसी के दिमाग में प्रश्न उठता ही होगा। वहीं एक प्रश्न यह भी उठता होगा कि आखिर मच्छर काटने से पहले आकर हमारे कानों के पास आवाज क्यों करता है। वह व्यक्ति को कैसे देख पता है। आइए ढूंढे इन प्रश्नों का उत्तर।
मच्छरों का आतंक
ठंडी का मौसम समाप्त होते ही तथा बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। वर्तमान समय में चल रहा समय मच्छरों की आबादी बढ़ाने के लिए उपयुक्त चल रहा है। वर्तमान समय में हालात कुछ ऐसे हैं कि मच्छरों ने जीना मुहाल कर रखा है। वही मलेरिया जैसी बीमारी अपने पैर पसार रही है। देश में हर दिन लाखों टन मच्छर मारने वाली दवाई खप रही हैं।
कैसे ढूंढ लेता है इंसानों को मच्छर
हर व्यक्ति के दिमाग में एक प्रश्न अवश्य आता होगा कि क्या मच्छरों के पास उल्लू के जैसी आंखें हैं। अगर नहीं है तो फिर वह इंसानों को कैसे देख लेता है और उन्हें काटने पहुंच जाता है।
लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि मच्छर में सेंसिंग आर्गेन्स बड़े जबरदस्त होते हैं। जिनकी सहायता से वह व्यक्ति को करीब 30 फीट दूरी से पहचान लेता है।
बताया जाता है कि मच्छर में एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके द्वारा वह व्यक्ति के द्वारा उत्सर्जित की जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस को पहचान लेता है। इसी गुण के कारण मच्छर इंसान को पहचान लेता है और उसके पास पहुंच जाता है।
क्यों कान के पास आकर करता है आवाज
इसके संबंध में एक बात यह भी कही जाती है कि वह आखिर कान के पास आकर आवाज क्यों करता है इस बात का उत्तर जानने के लिए हमें जानना आवश्यक है कि मच्छर केवल कार्बन डाइऑक्साइड की गंध को सॉन्ग कर हमारे पास तक पहुंच जाता है। लेकिन जैसे ही उस उसे व्यक्ति मिल जाता है वह काटने के पूर्व बहुत तेजी से बैठने के लिए एक स्थान निश्चित करता है जिससे वह पंखों की आवाज निकलती है और हमारी नींद टूट जाती है।