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Friendship Day 2023: फ्रेंडशिप डे आज, यहां पर मिलेगी निबंध, इतिहास व शायरी कविता
Happy Friendship Day 2023: मित्रता को जीवन का अभिन्न अंग माना जाता है। दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता है। बिना मित्र के जीवन अधूरा है। हर मोड़ पर कुछ खास साथी मिलते हैं जो दिल में जगह बना लेते हैं। वह बिना किसी चाह के हमारी जिंदगी से जुड़ जाते हैं। दोस्ती तो किसी से भी की जा सकती है किंतु सच्चा दोस्त हर किसी को नहीं मिलता। दोस्ती को निभाने के लिए कुछ लोग अपनी जान तक की परवाह नहीं करते। ऐसे ही दोस्तों के लिए है फ्रेंडशिप डे। तो आइए जानते हैं कि फ्रेंडशिप डे Friendship Day 2023 कब है? अपने दोस्तों को आप किस तरह की शायरी, कविता आदि भेज सकते हैं।
Friendship Day History: फ्रेंडशिप डे का इतिहास
फ्रेंडशिप की शुरुआत वर्ष 1935 में अमेरिका द्वारा की गई। जिसका उद्देश्य दोस्ती को बढ़ावा देने के साथ ही उनको सम्मान देना है। यूएस कांग्रेस सरकार द्वारा इसको प्रारंभ किया गया। इस बार फ्रेंडशिप डे 2023 अगस्त महीने के पहले रविवार को है। 6 अगस्त को अपने खास दोस्त को फ्रेंडशिप डे की बधाई देना न भूलें। क्योंकि यह अपने आप में खास महत्व रखता है। यहां पर यह बता दें कि हर वर्ष अगस्त के पहले परिवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। इस दिन दोस्त एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं जिससे उन तोहफों की यादें जुड़ जाती हैं। दोस्तों द्वारा दिए जाने वाले गिफ्ट की कीमत नहीं बल्कि उसमें छिपी भावना देखी जाती है।
Why Is Friendship Day Celebrated / फ्रेंडशिप डे क्यों मनाया जाता है?
लोगों के रिश्ते तो खून के कारण बनते हैं किंतु दोस्त विचारों और अहसास के कारण बनते हैं। एक-दूसरे की अच्छी और बुरी आदतों को जानने के बाद हम अपना दोस्त बनाते हैं। जीवन भर इस अनमोल रिश्ते को निभाते हैं। इसी रिश्ते को सम्मान देने के लिए यह फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। समय कैसा भी रहा हो किंतु दोस्त होते थे, होते हैं और होते ही रहेंगे।
Friendship Day 2023 Date: फ्रेंडशिप डे 2023 में कब है?
फ्रेंडशिप डे हर वर्ष अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस बार अगस्त का पहला रविवार 6 तारीख को पड़ रहा है। यह दिन दोस्तों को समर्पित किया जाता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों से मिलते हैं। चाहे वह कितने भी पुराने क्यों न हों अथवा कितने भी नए क्यों न हों। सभी से मिलकर मुबारकबाद देते हैं। साथ में अपनी याद के लिए कुछ तोहफे भी प्रदान करते हैं। दोस्तों के साथ पार्टी करते हैं, इसके साथ ही बाहर भी घूमने के लिए जाते हैं।
Friendship Day Gift Suggestion: फ्रेंडशिप डे गिफ्ट आईडिया
अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप डे दिन कुछ न कुछ गिफ्ट देने का अलग ही महत्व है। दोस्तों द्वारा इसे संजोकर रखा जाता है। जब भी वह यह गिफ्ट देखते हैं तो बरबस ही दोस्तों की याद आ जाती है। गिफ्ट के तौर पर कार्ड्स, दोस्तों की पुरानी तस्वीरें, अपनी सबसे खास चीज जैसे कोई ड्रेस, शर्ट, घड़ी, गॉगल्स आदि दोस्त को दे सकते हैं। इसके साथ ही डायरी जिसमें दोस्त के बारे में कुछ खास लिखा हो। रिकार्डिंग जिसमें दोस्त के लिए कुछ बातें रिकार्ड करके उसकी सीडी दोस्त को दी जा सकती है। यदि दोस्त को पढ़ने का शौक है तो नॉवेल भेंट की जा सकती है। इसके साथ ही परफ्यूम, वॉच, गागल्स, ड्रेस, शर्ट, बैग, वॉलेट, कैप आदि भी उपहार दे सकते हैं।
Friendship Day Hindi Shayari: फ्रेंडशिप डे पर हिंदी शायरी
''हर एक उम्र के खास दोस्त होते हैं
बचपन में गली मोहल्ले में यार बन जाते हैं
स्कूल के टफ कम्पटीशन में साथ खड़े होते हैं
कॉलेज के दिनों में यही मस्ती मारते हैं
तो कुछ वन नाईट स्टडी में जगा-जगाकर पढ़ाते हैं
ऑफिस के टेंशन भरे दिनों में मूवी ले जाते हैं
तो कुछ घर की टेंशन में हमदर्द बन जाते हैं
हाईटेक जमाने में फेसबुक वाट्सएप फ्रेंड्स बन जाते
इस तरह अजनबी करीब आकर करीबी दोस्त बन जाते''
Happy Friendship Day Message: फ्रेंडशिप डे मैसेज
''वक्त बदलता है कोई पास, कोई दूर हो जाता है लेकिन जो यादों में भी हंसा जाए वो ही बेस्ट फ्रेंड कहलाता है।''
Friendship Day Shayari For Old Friends: पुराने दोस्तों के लिए शायरी
हॉस्टल की चारदिवारी में जो साथ सपने बुनते थे चिल्लर-चिल्लर का हिसाब कर जो आपस में लड़ते थे आज लाखों की सेलरी लिए राह तकते बैठे हैं आज उन दिनों की चाह में वो नुक्कड़ पर चाय लिए बैठे हैं।
Friendship Day Poem For Childhood Friends: बचपन के दोस्तों के लिए यह भेजें
''बचपन के लम्हों में जो साथ थे वो दोस्त याद आते हैं गिल्ली डंडे की टीम में जो साथ थे वो दोस्त याद आते हैं जब भी पीछे मुड़कर देखा तो वो दोस्त याद आते हैं माना अब साथ नहीं वो लम्हे पर आज भी मुस्कान में छिपे वो दोस्त याद आते हैं।''
Friendship Day Quotes: फ्रेंडशिप डे अनमोल वचन
- सच्ची दोस्ती में मन मुटाव जरूर होता है लेकिन दुश्मनी नहीं हो सकती।
- मित्रता वो होती है जो आपके लिए एक आईने की तरह काम करती है।
- रूठना मनाना ही दोस्ती का टॉनिक है।
- अगर एक सच्चा दोस्त आपका विरोधी बन जाए तो दो पल रुककर अपने आप का आंकलन जरूर करें।
- एक सच्चे मित्र को गलतफहमी के चलते कभी दूर न जाने दें यह कोहिनूर खो देने के बराबर है।
- आज के समय में मित्र कपड़ों की तरह बदलते हैं।
- रुआंस दिल जिससे बात करके शांत हो जाता है वही सच्चा दोस्त कहलाता है।
- दोस्त अर्जी देने से पहली मर्जी जान जाते हैं।
- सच्ची दोस्ती ही अमीर बनाती है।
- बिना दोस्तों के बड़ा बैंक बैलेंस भी अधूरा सा लगता है।
- दोस्ती इत्तफाकन हो जाती है लेकिन इत्तफाकन निभाई नहीं जाती।
Friendship Day Story for Best Friend: फ्रेंडशिप दोस्ती पर हिंदी कहानी
Shri Krishna Sudama Friendship: श्रीकृष्ण सुदामा के बचपन के साथी थे। जब श्रीकृष्ण शिक्षा हेतु सांदीपनी ऋषि के आश्रम में गए थे तो वहां उनकी भेंट सुदामा से होती है और दोनों के बीच घनिष्ठ मित्रता हो जाती है। एक दिन सांदीपनी कृष्ण और सुदामा को एक विशेष कार्य हेतु यात्रा पर भेते हैं और उनके खाने के लिए कुछ चने सुदामा के पास रखवा देते हैं। वह यह आदेश देते हैं कि दोनों मिल बांटकर इसको खाना। इसके बाद दोनों यात्रा पर निकल पड़ते हैं। रास्ते में तेज वर्षा होती है। दोनों एक जगह बैठने का फैसला करते हैं। पेड़ के नीचे श्रीकृष्ण एवं डाली पर सुदामा बैठ जाते हैं। सुदामा को भूख लगती है और वह कृष्ण को बोले बिना चने खाने लगते हैं। तभी कृष्ण सुदामा से चने मांगते हैं तो सुदामा उन्हें झूठ बोल देते हैं कि चने रास्ते में गिर गए और सारे चने खुद खा लेते हैं। उनके झूठ बोलने के कारण नियति उन्हें सबक सिखाती है। सुदाम का जीवन बहुत गरीबी में बीतता है। तब उनकी पत्नी उन्हें कृष्ण के पास जाने को बोलती है। तब सुदामा कहते हैं। सखा के घर बिना कुछ लिए जाना सही नहीं है। तब सुदामा की पत्नी कच्चे धान की पोटली सुदामा को देती हैं। सुदामा कई महीनों की यात्रा करने के बाद द्वारिका पहुंचते हैं। वहां द्वारपाल को कहते हैं कि कृष्ण को संदेशा दो कि उनका मित्र सुदामा आया है। उसकी दशा देख सभी सुदामा का मजाक उड़ाते हैं। कहते हैं कि श्रीकृष्ण का मित्र है और वह भी इस फटेहाल हालत में है। राजमहल के भीतर जब संदेश जाता है तब कृष्ण रुक्मणि के साथ बैठे होते हैं। संदेशा सुनते ही कृष्ण भागते हुए खुद ही सुदामा को लेने के लिए निकल पड़ते हैं। मित्र प्रेम में कृष्ण न तो पैरों में कुछ पहनते हैं और न ही उन्हें किसी बात का होश रहता है। सुदामा के पास पहुंचकर कृष्ण उसे गले लगा लेते हैं। मजाक उड़ाने वाले सभी लोग देखते ही रह जाते हैं। सुदामा को भीतर ले जाकर श्रीकृष्ण स्वयं उनके पैरों को धोते हैं। उसमें लगे कांटे निकालते हैं। हाथों से उनके पैर पोछते हैं। सुदामा की ऐसी हालत देख कृष्ण की आंखें भर आती हैं। उन्हें रोता देख रानियां डर जाती हैं। लेकिन ऐसा मित्र प्रेम देख सभी की आंखें भर जाती हैं। कृष्ण सुदामा से पूछते हैं कि भाभी ने उनके लिए क्या उपहार भेजा है। सुदामा को वो कच्चे धान की पोटली देने में झिझक महसूस होती है किंतु श्रीकृष्ण उसको ढूंढ लेते हैं। वह बड़े चाव से उसको खाते हैं जैसे वह मेवा हो। जैसे ही एक मुट्ठी खाते हैं सुदामा का घर अनाज से भर जाता है। दूसरी मुट्ठी खाते हैं तो सुदामा का घर कच्ची झोपड़ी से पक्का महल बन जाता है। तीसरी मुट्ठी खाते ही सुदामा की पत्नी एवं बच्चे सुंदर कपड़ों एवं गहनों से लद जाते हैं। गरीब सुदामा को धनवान बनाकर श्रीकृष्ण घर भेजते हैं। इस तरह से श्रीकृष्ण अपनी दोस्ती निभाते हैं।
ैीतप त्ंउ ैनहतपअं थ्तपमदकेीपचरू मित्रता के कारण ही सुग्रीव भी अपनी जान की परवाह किए बिना रावण से युद्ध लड़ते हैं। रामजी को सीता माता को ढूंढ़ने में अपनी पूरी जान लगा देते हैं। भगवान राम भी सुग्रीव के बड़े भाई बालि को मारकर उन्हें उनका राज्य एवं पत्नी दिलवाते हैं। इतना बड़ा युद्ध दोस्ती के बलबूते पर लड़ जाता है। दोस्ती ही एक ऐसा बंधन है जिसे लोग खून के कारण नहीं बल्कि अपने प्रेम के कारण चुनते हैं। सच्चा मित्र जीवन के हर क्षेत्र में साथ निभाता है। सच्चा दोस्त एक दर्पण का कार्य करता है जो उसके चरित्र को सामने लाकर रख देता है। दोस्ती में कभी ऊंचे बड़े का भेदभाव नहीं होता। दोस्ती में बस दिल मिलते हैं स्टेटस नहीं।