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प्लास्टिक स्टूल में छेद क्यों होता है, कभी सोचा है? जवाब यहीं मिलेगा
प्लास्टिक स्टूल में छेद क्यों होता है: रोजमर्रा की ज़िन्दगी में हम बहुत सी चीज़ों को देखते हैं मगर वो वैसी क्यों है इसपर ध्यान नहीं देते, जैसे आसमान नीला क्यों है? पानी गीला-गीला क्यों है? और प्लास्टिक के स्टूल में गोल-गोल छेद क्यों है? आसमान और पानी की बात को साइड में रखते हैं और प्लाटिक स्टूल में बने छेद के भेद को समझते हैं.
प्लास्टिक स्टूल में छेद क्यों बनाया जाता है
Why there is a hole in a plastic stool: आपने कभी गौर तो नहीं किया होगा लेकिन यह देखा तो होगा ही कि प्लास्टिक के स्टूल के बीचोबीच एक गोल छेद होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर स्टूल बनाने वाली कंपनी इसमें छेद क्यों कर देती है? ऐसा करने के पीछे एक साइंस है
और क्या है वो साइंस
किसी भी प्रोडक्ट का निर्माण हो उसमे विज्ञान के ज्ञान का इस्तेमाल होता ही होता है. दुनिया के किसी भी कोने में प्लास्टिक का स्टूल बने लेकिन उसमे छेद जरूर होता है. और जिन स्टूल में छेद नहीं होता वो बाद में दिक्कत पैदा करते हैं.
प्लास्टिस स्टूल में छेद इसी लिए बनाए जाते हैं ताकि जब कभी स्टूल्स को एक के ऊपर एक रखा जाए तो उनमे हवा का दवाब न बन जाए. अगर छेद नहीं होगा तो दोनों स्टूल के बीच वैक्यूम बन जाएगा और फिर स्टूल्स एक दूसरे से ऐसा चिपक जाएंगे कि निकाले नहीं निकलेंगे।
एक और कारण है, बीच में छेद होने से स्टूल में पड़ने वाला पूरा दबाव उसके चारों पैरों तक जाता है. अगर स्टूल में छेद नहीं होता है तो वह बीच से टूटने लगता है. जबकि छेद वाले स्टूल बीच से नहीं फटते। इसके अलावा कंपनियों के थोड़े प्लास्टिक की बचत भी हो जाती है.