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अरुणांचल जंगल में बाघ की तलाश करने वाले शख्स को कुछ ऐसा मिला जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी

अरुणांचल जंगल में बाघ की तलाश करने वाले शख्स को कुछ ऐसा मिला जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी
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Ceropegia lucida: जिस नायाब चीज को अरुणांचल के जंगलों से पाया गया है उसे दुनिया ने बीते 143 सालों से देखा ही नहीं है

ceropegia lucida: अरुणांचल प्रदेश नामडाफा टाइगर पार्क एक ऐसी नायाब चीज़ मिली है जिसके मिलने की किसी को भी उम्मीद नहीं थी, जंगल में बाघों की तलाश करने वाले एक शख्स को कुछ ऐसा मिला है जिसे दुनिया ने बीते 142 सालों से देखा नहीं है।

धर्मेंद्र और उनके साथ नामडाफा टाइगर पार्क में हमेशा की तरह बाघों की तलाश कर रहे थे, तभी उन्हें सांप जैसी आकृति का एक अजीब सा पौधा दिखा, उन्हें सेरोपेजिया ल्यूसीडा (ceropegia lucida) नाम का नायब पौधा मिला, धर्मेंद्र द्वारा उस पौधे की तस्वीर उतार ली, ऐसा माना जा रहा है कि यह तस्वीर दुनिया की एकमात्र ceropegia lucida की फोटो है।

यह सबसे बड़ी खोज

लकड़बग्घों के ऊपर किताब लिखने वाले धर्मेंद्र ने बताया कि यह उनके जीवन की सबसे बड़ी खोज है, उन्होंने ने कहा कि राजस्थान में भी कुछ इलाकों में सेरोपीजिया की प्रजाति के पौधे मिलते हैं लेकिन सेरोपेजिया ल्यूसीडा पहले बार मिला है.

क्या है ceropegia lucida

यह एक बहुत रेयर प्रजाति का पौधा है, इससे पहले दुनिया के सामने यह आखिरी बार 142 साल पहले देखा गया था। सांप के फन जैसी आकृति वाले इस पौधे के फूल बहुत खूबसूरत होते हैं. धर्मेद्र का कहना है कि इससे पहले यह पौधा साल 1847 में सिक्किम के जंगलों में पाया गया था, जिसे सुरक्षित बॉटेनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के हर्बेरियम में रखा गया है।

इसमें ऐसा क्या है

यह एक विलुप्त हो चूका पौधा है, लेकिन धर्मेंद्र की खोज ने यह प्रमाणित कर दिया है कि ceropegia lucida आज भी है, असल में क्या है जब किसी जीव, या जीवित चीज़ें विलुप्त होती हैं तो सिर्फ उसका अस्तित्व खत्म नहीं होता बल्कि एक पूरी शृंखला टूटती है, उसपर निभर कीट-पतंगे गायब होते हैं, एक छोटी से लाइफ साइकल ख़त्म हो जाती है।

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