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100 Rupee Note 2022: 100 रूपए की नोट में क्यों बनाया जाता है पर्वत का चित्र? वजह जान ले
100 rupee note secret
100 rupee note backside image name: 100 रुपए का पुराना नोट तो आपने भी देखा होगा। इस नोट के पीछे बनी पर्वत की फोटो भी देखी होगी। नहीं देखा है तो सरसरी नजर में अवश्य जानकारी हुई होगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नोट के पीछे इस पर्वत श्रृंखला की फोटो क्यों छापी गई है। आखिर यह पर्वत श्रृंखला कहां की है और इस पहाड़ की आकृति छापने का क्या मतलब है। आज इन सब बातों की जानकारी देंगे।
कहां की है आकृति 100 rupee note secret
100 रुपए के पुराने नोट के पीछे बनी पर्वत श्रृंखला कंचनजंगा की है। अगर आप कंचनजंगा पहाड़ के बारे में जानते हैं तो ठीक है अगर नहीं जानते हैं तो यह विश्व की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत शिखर में शामिल है। हालांकि कंचनजंगा तिब्बत मैं स्थित है लेकिन इसकी पहाड़ियां हिंदुस्तान की सीमा को छूती है। तभी इस महान पर्वत की फोटो भारत सरकार द्वारा अपने 100 रुपए के कीमती नोट में छापा गया है।
जाने कंचनजंगा के बारे में 100 rupee note is signed by
कंचनजंगा विश्व की तीसरी सबसे ऊंची पहाड़ी है इसकी ऊंचाई 8586 मीटर है। बताया गया है कि यह दार्जिलिंग से 74 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है। हिमालय पर्वत श्रेणी का एक हिस्सा कंचनजंगा का आता है। कंचनजंगा की भुजाएं चारों दिशाओं में फैली हुई है। नेपाल में कंचनजंगा को कुंभकरण लंगूर कहा जाता है।
आते हैं सैलानी 100 rupee note
कंचनजंगा की भव्य आभा को देखने के लिए हजारों हजार सैलानी प्रतिवर्ष आते हैं। अगर मौसम साथ रहे तो गंगटोक से कंचनजंगा की आभा स्पष्ट दिखाई देती है। कंचनजंगा की ऊंचाई भव्य सफेद चोटियों को देखने के लिए हर वर्ष लाखों सैलानी आते हैं।
आइए जानें कंचनजंगा शब्द का अर्थ
कंचनजंगा (kanchenjunga everest) वास्तव में एक तिब्बती शब्द है। इसका अर्थ पहाड़ की विशालता को प्रदर्शित करता है साथ ही इसके गुणों के बारे में बताता है। अगर कंचनजंगा नामक शब्द को तिब्बती संधि विच्छेद कर जानकारी ले तो पता चलता है कि कंचनजंगा कांग, चेन, इजो और अंगा नामक चार शब्दों से मिलकर बना है।
जानकारों के बताए अनुसार कांग का अर्थ बर्फ है।
इसी तरह चेन का अर्थ बड़ा है।
इजो नामक शब्द का अर्थ खजाना है।
अंत में अंगा का अर्थ पांच से है।
कुल मिलाकर अगर इन चारों शब्दों को जोड़कर कंचनजंगा मुख्य अतिथि ढूंढे तो पता चलता है कि तिब्बत में इसे "बर्फ में दबा पांच खजाना" कहा जाता है। माना जाता है कि हर खजाना भगवान के द्वारा रखा गया है। इसकी विशालता और अलौकिकता भगवान के अस्तित्व की वजह से है।